देश भर में मतदाता सूची से 12 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम अचानक हटा दिए जाने से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम पर वरिष्ठ नेता विजय नायक ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस कार्रवाई को लोकतंत्र की नींव पर हमला करार दिया है और चुनाव आयोग से तत्काल इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। नायक का मानना है कि इस तरह से बड़ी संख्या में नामों का गायब होना सामान्य प्रशासनिक भूल का नतीजा नहीं हो सकता, बल्कि इसके पीछे कोई सुनियोजित षड्यंत्र हो सकता है, जिसका उद्देश्य चुनावों को प्रभावित करना है।
विजय नायक ने जोर देकर कहा कि हर नागरिक का वोट उसका संवैधानिक अधिकार है और इस अधिकार को किसी भी सूरत में छीना नहीं जाना चाहिए। उन्होंने मतदाताओं से भी आग्रह किया है कि वे स्वयं सूची में अपना नाम अवश्य जांचें। यदि किसी का नाम सूची से गायब है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर इसे दुरुस्त करवाएं। यह मतदाता सूची की शुचिता और आगामी चुनावों की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस घटना ने मतदाताओं के विश्वास को भी हिलाकर रख दिया है।
