नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रशासनिक तंत्र में एक ऐसा पद है जो परदे के पीछे रहकर देश के शासन की दिशा तय करता है – वह है कैबिनेट सचिव का पद। यह भारत का सर्वोच्च सिविल सेवा पद है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक को नियुक्त किया जाता है। यह व्यक्ति न केवल प्रधानमंत्री को महत्वपूर्ण सलाह देता है, बल्कि सभी सरकारी मंत्रालयों के बीच तालमेल बिठाने और देश की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाता है।
कैबिनेट सचिवालय, जो कि साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में स्थित है, देश की प्रशासनिक धुरी है। इसका काम बहुआयामी है, जिसमें सिविल, सैन्य और खुफिया शाखाएं शामिल हैं। सिविल शाखा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीधे केंद्रीय कैबिनेट की सहायता करती है, नीतिगत निर्णय लेने में मदद करती है और विभिन्न मंत्रालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है।
जब भी देश किसी संकट या आपातकाल का सामना करता है, तो कैबिनेट सचिव विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने वाले मुख्य व्यक्ति बन जाते हैं। इसके अलावा, यह सचिवालय देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सभी केंद्रीय मंत्रियों को सरकारी गतिविधियों पर मासिक रिपोर्ट भी प्रदान करता है।
ऐतिहासिक रूप से, इस पद ने देश के कुछ सबसे बड़े फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनुच्छेद 370 को हटाना और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करना इसका एक प्रमुख उदाहरण है। इस जटिल प्रक्रिया के दौरान, कैबिनेट सचिवालय ने खुफिया एजेंसियों और अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर काम किया, जिससे यह साबित हुआ कि यह पद केवल एक प्रशासनिक भूमिका से कहीं अधिक है।
**टी. वी. सोमनाथन: अनुभव का संगम**
वर्तमान में, डॉ. टी. वी. सोमनाथन भारत के कैबिनेट सचिव हैं। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी, उन्होंने 30 अगस्त, 2024 को यह पद संभाला, जिसके लिए उन्हें दो साल का कार्यकाल मिला है। अपनी नियुक्ति से पहले, उन्होंने वित्त सचिव और व्यय विभाग में सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका करियर अनुभव से भरा है, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव और विश्व बैंक में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक के रूप में कार्य शामिल है। उन्होंने तमिलनाडु में भी मुख्यमंत्री के सचिव, वाणिज्यिक करों के आयुक्त (जीएसटी लागू करते समय) और चेन्नई मेट्रो रेल निगम के एमडी जैसे पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी और चार्टर्ड एकाउंटेंट व कंपनी सेक्रेटरी की उपाधि के साथ, डॉ. सोमनाथन देश के शीर्ष नौकरशाही पद के लिए एक आदर्श अधिकारी माने जाते हैं।
**कैबिनेट सचिव के कर्तव्य**
कैबिनेट सचिव का मुख्य कार्य संपूर्ण केंद्रीय प्रशासन का समन्वय करना है। वे सिविल सेवा बोर्ड के अध्यक्ष होते हैं, महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर नियुक्तियों की देखरेख करते हैं, और सचिवों की समिति का नेतृत्व करते हैं। यह समिति विभिन्न मंत्रालयों के बीच के मतभेदों को सुलझाने और महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर एक आम सहमति बनाने में मदद करती है। नीतिगत समन्वय के अलावा, कैबिनेट सचिव राष्ट्रीय संकटों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सरकार बदलने या आपात स्थितियों में प्रशासनिक स्थिरता बनाए रखते हैं। वे कैबिनेट बैठकों के लिए एजेंडा तैयार करते हैं, कैबिनेट के फैसलों के कार्यान्वयन की निगरानी करते हैं, और राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रियों को सरकार के कामकाज से अवगत कराते हैं।
**शासन का अदृश्य स्तंभ**
भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में, जहां विभिन्न मंत्रालय, नीतियां और राजनीतिक धाराएं एक साथ काम करती हैं, कैबिनेट सचिव का पद एक व्यक्ति के बजाय एक संस्था के रूप में अधिक शक्तिशाली हो जाता है। यह विभिन्न मंत्रालयों के बीच सेतु का काम करता है, प्रधानमंत्री को आवश्यक जानकारी और विश्लेषण प्रदान करता है, महत्वपूर्ण नियुक्तियों की सिफारिश करता है, और संकटों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करता है। डॉ. सोमनाथन जैसे अनुभवी व्यक्ति का इस पद पर आना, सरकार के भीतर प्रशासनिक क्षमता के सुदृढ़ीकरण के रूप में देखा जा रहा है। उनके व्यापक अनुभव को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि वे इस महत्वपूर्ण भूमिका में देश के शासन को और मजबूत करेंगे। जब तक कैबिनेट सचिवालय अपनी केंद्रीय स्थिति बनाए रखेगा, तब तक इस पद पर आसीन व्यक्ति राजनीतिक नेतृत्व के अलावा देश का सबसे शक्तिशाली कार्यकारी अधिकारी बना रहेगा। संक्षेप में, कैबिनेट सचिव, जिसे अक्सर प्रधानमंत्री का ‘दायां हाथ’ कहा जाता है, वह अदृश्य शक्ति है जो देश की नीतियों को क्रियान्वित करती है और शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाती है।
