हाल के दिनों में एक ऐसी घटना हुई है जिसने पड़ोसी देश पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। यह अप्रत्याशित बदलाव उस कतर से आया है, जिसके प्रभाव वाला समाचार चैनल अल जज़ीरा दशकों से भारत विरोधी रुख अपनाए हुए था।
**ऐतिहासिक नक्शा प्रदर्शन**
अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जुड़े एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान, अल जज़ीरा ने अपने प्रसारण में भारत का एक नक्शा दिखाया। इस नक्शे की खासियत यह थी कि इसमें पूरे जम्मू और कश्मीर को, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भी शामिल है, भारत के अभिन्न अंग के रूप में दर्शाया गया था। यह पहली बार है जब अल जज़ीरा ने अपने अरब दर्शक वर्ग के सामने कश्मीर का यह सटीक चित्रण प्रस्तुत किया है।
यह वही चैनल है जिसने पहले भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने में भूमिका निभाई थी, जैसे कि पाकिस्तानी दावों का समर्थन करना कि उन्होंने भारतीय विमानों को मार गिराया है या भारत के रक्षा प्रणालियों पर झूठी खबरें फैलाना।
**भू-राजनीतिक बदलाव के संकेत**
अल जज़ीरा जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट पर दिखाई जाने वाली सामग्री कतर सरकार की मंजूरी के अधीन होती है। इसलिए, इस नक्शे का प्रदर्शन महज़ एक तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि एक सचेत निर्णय और कतर की ओर से भारत के प्रति बदलते रुख का स्पष्ट संकेत है। यह घटना अरब जगत में भारत की बढ़ती कूटनीतिक पैठ और पाकिस्तान की स्थिति में आई कमजोरी को दर्शाती है।
**पाकिस्तान के लिए चिंताजनक स्थिति**
कार्यक्रम के दौरान चर्चा में शामिल विशेषज्ञ भी पाकिस्तान के प्रति आलोचनात्मक रवैया अपना रहे थे, जो अफगानिस्तान का समर्थन कर रहे थे। यह उन खबरों के बिल्कुल विपरीत है जो अल जज़ीरा पहले प्रसारित करता था। अल जज़ीरा का वैश्विक दर्शकों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, और कश्मीर को भारत का हिस्सा दिखाना लाखों लोगों तक इस संदेश को पहुंचाता है।
**भारत की कूटनीति की सफलता**
एक साल पहले कतर के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण थे, लेकिन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर यात्रा और दोनों देशों के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौतों के बाद स्थिति में नाटकीय सुधार आया है। यह नक्शा इसी सफल कूटनीतिक प्रयास का परिणाम माना जा रहा है। भारत ने कतर के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है, जिसका सीधा असर अल जज़ीरा के कवरेज में देखने को मिल रहा है।
**बदलता समीकरण**
पाकिस्तान ने दशकों तक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर को एक विवादित मुद्दा बनाने की कोशिश की। लेकिन कतर के इस कदम से, विशेष रूप से अल जज़ीरा जैसे प्रभावशाली माध्यम से, पाकिस्तान के इस प्रयास को बड़ा झटका लगा है। यह दर्शाता है कि अरब जगत अब कश्मीर मुद्दे पर भारत के रुख को स्वीकार कर रहा है, और यह भारत की विदेश नीति की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
