डोमचांच, कोडरमा: मंजुला शर्मा मेमोरियल अकादमी ने राष्ट्र के प्रथम राष्ट्रपति, भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती को एक भव्य समारोह के रूप में आयोजित किया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में देशप्रेम और प्रेरणा का माहौल व्याप्त था, जहाँ छात्र-छात्राओं ने अपने राष्ट्रनायक को श्रद्धापूर्वक याद किया।
कार्यक्रम का आरंभ विद्यालय के चेयरमैन प्रोफ़ेसर डॉ. के.पी. शर्मा द्वारा डॉ. प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। उन्होंने अपने भावपूर्ण संबोधन में कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरलता, सत्यनिष्ठा और अनुशासन के प्रतीक थे। उनका जीवन हमें सिखाता है कि अटूट संकल्प और ईमानदारी से किए गए कार्य सदैव बड़ी सफलता दिलाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके आदर्शों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।
विद्यालय के निदेशक रजनीश ने कहा कि डॉ. प्रसाद ने केवल राजनीति में ही नहीं, बल्कि शिक्षा, ग्रामीण विकास और सामाजिक सुधारों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके दूरदर्शी विचार आज भी समाज के लिए प्रासंगिक हैं। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और समाज में जागृति एवं सौहार्द का प्रसार करें।
विद्यालय के प्रशासक आर.पी. पांडेय ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन को श्रम, निष्ठा और समर्पण का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि संविधान निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को राष्ट्र के हित को सर्वोपरि रखने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विद्यालय के प्राचार्य अभिषेक कुमार पांडेय ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के व्यक्तित्व को भारतीय मूल्यों, नैतिकता और आदर्शों का परिचायक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. प्रसाद विद्यार्थी जीवन से ही मेधावी और अनुशासित थे। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेकर अपनी पढ़ाई, व्यवहार और चरित्र को उत्तम बनाने का प्रयास करना चाहिए। मंजुला शर्मा मेमोरियल अकादमी हमेशा ऐसे महान व्यक्तियों से छात्रों को प्रेरित करने का प्रयास करती है।
समारोह में छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत, भाषण और निबंध प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर शिक्षकों और छात्रों ने सामूहिक रूप से डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन और कार्यों को स्मरण करते हुए देश की सेवा करने का संकल्प दोहराया।
