महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के निर्देशानुसार, स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम की घोषणा को 3 दिसंबर से आगे बढ़ाकर 21 दिसंबर कर दिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मतगणना और नतीजों की घोषणा को चरणों में करने की आयोग की योजना पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट का मानना था कि इस तरह के चरणबद्ध घोषणाओं से बाकी बचे चुनावों पर प्रभाव पड़ सकता है। यह आदेश विभिन्न नगर परिषदों के याचिकाकर्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए आया है, जिन्होंने मांग की थी कि प्रत्येक नगर परिषद के सभी चुनाव परिणामों को एक साथ, एक ही दिन घोषित किया जाए।
नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के लिए मतदान संपन्न होने के बाद, परिणाम 3 दिसंबर को आने थे। लेकिन अब, अदालत के फैसले के बाद, मतगणना 21 दिसंबर को होगी। यह तारीख 20 दिसंबर को होने वाले बाकी स्थानीय निकाय चुनावों के परिणामों के साथ मेल खाएगी।
चुनाव प्रक्रिया को लेकर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने निर्वाचन आयोग पर लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री फडणवीस से निर्वाचन आयोग के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की हत्या के लिए चुनाव आयोग की योजना का एक उदाहरण महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों में देखा गया। हम मुख्यमंत्री से चुनाव आयोग के खिलाफ महाभियोग चलाने का आग्रह करते हैं, जिसका कांग्रेस पूरा समर्थन करेगी।” महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकाल ने भी चुनाव प्रक्रिया में प्रशासनिक कमियों और अनियमितताओं पर चिंता जताई। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के दबाव में काम करते हुए, आयोग ने मतदान को 40 घंटे के लिए टाला और मतगणना में देरी की, जिससे उसका पक्षपात साफ दिखता है। सापकाल ने जोर देकर कहा कि इस चुनाव ने प्रजातंत्र को गहरा नुकसान पहुँचाया है और राज्य भर में लगभग 25,000 शिकायतें दर्ज होने की संभावना है।
