गिरिडीह के उपायुक्त रामनिवास यादव ने हाल ही में जिला स्तरीय ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की एक अहम बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को शिक्षा, सरकारी योजनाओं और समाज से जोड़ने के प्रयासों को गति देना था। उपायुक्त ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षित होने से ही वे समाज में अपनी उचित पहचान बना सकते हैं और विकास की धारा से जुड़ सकते हैं।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे ट्रांसजेंडर समुदाय को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए सक्रियता से कार्य करें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक समर्पित समिति का गठन किया जाएगा। साथ ही, जिले भर में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का विस्तृत सर्वेक्षण (मैपिंग) किया जाएगा। इस सर्वेक्षण से उनकी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और जीवन स्तर की वर्तमान जानकारी प्राप्त होगी, जो भविष्य की नीतियों के निर्माण में सहायक होगी।
जिला प्रशासन ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए तत्पर है। जल्द ही एक विशेष अभियान चलाकर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र (आईडी कार्ड) उपलब्ध कराए जाएंगे। उपायुक्त ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया में उनकी गोपनीयता का पूर्ण सम्मान हो। इसके अलावा, प्रत्येक ट्रांसजेंडर को वोटर आईडी, आधार कार्ड, आभा कार्ड, राशन कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, प्रशासन ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूहों के गठन और लघु उद्योगों की स्थापना पर जोर देगा। उपायुक्त ने कहा कि ट्रांसजेंडर हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें सभी के समान अधिकार, अवसर और सम्मान मिलना चाहिए। इस बैठक में जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से), मनोवैज्ञानिक डॉ शालिनी खोवाला, ट्रांसजेंडर समुदाय की ओर से अश्विनी अंबेडकर, गुड़िया रॉय और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
