पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की स्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे उनकी पार्टी पीटीआई में बेचैनी बढ़ गई है। इमरान खान से पार्टी के नेताओं और यहां तक कि परिवार के सदस्यों की मुलाकात नहीं हो पा रही है। इस बीच, पीटीआई ने मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट और रावलपिंडी की अडियाला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह कदम तब उठाया गया है जब सरकार ने सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगा दी है और जेल में मिलने के नियमों को कड़ा कर दिया है।
खबरों के अनुसार, इमरान खान की बहनें अडियाला जेल तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, जबकि हजारों की संख्या में पीटीआई समर्थक जेल के बाहर जमा हो गए हैं। इमरान खान की सेहत को लेकर अफवाहें तेज हो गई हैं, जिससे प्रशासन ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी है। यह प्रतिबंध 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा, जैसा कि स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया है। इस आदेश का उद्देश्य जिले में ‘सार्वजनिक सुरक्षा’ और ‘शांति’ सुनिश्चित करना है।
वहीं, अडियाला जेल प्रशासन ने इमरान खान की सेहत को लेकर अपनी ओर से सफाई दी है। जेल अधिकारियों ने एक बयान में कहा है कि इमरान खान अच्छे स्वास्थ्य में हैं और उन्हें जेल से कहीं और स्थानांतरित नहीं किया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों को पूरी तरह से ‘बेबुनियाद’ करार दिया है और आश्वासन दिया है कि खान को आवश्यक चिकित्सा देखभाल मिल रही है।
इसके बावजूद, पीटीआई इस बात पर अड़ी हुई है कि इमरान खान के परिवार को उनसे मिलने दिया जाए। पार्टी का आरोप है कि अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। पीटीआई नेता असद कैसर ने कहा है कि इस विरोध का उद्देश्य उन अदालती आदेशों को लागू करवाना है जिनका पालन अडियाला जेल प्रशासन नहीं कर रहा है। पिछले हफ्ते, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को भी खान से मुलाकात की अनुमति नहीं मिलने पर जेल के बाहर धरना देना पड़ा था, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।
इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं। उन पर भ्रष्टाचार और आतंकवाद से जुड़े कई मामले चल रहे हैं। उन्हें 2022 में अविश्वास मत के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था। उनकी पार्टी उनके साथ हो रहे व्यवहार को राजनीतिक प्रतिशोध मान रही है।
