भारतीय थल सेना ने बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल युद्धक प्रक्षेपण कर अपनी मारक क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस सफल परीक्षण ने रक्षा निर्यात के लिए नए द्वार खोल दिए हैं और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बल प्रदान किया है।
बंगाल की खाड़ी में, भारतीय थल सेना की सदर्न कमांड ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण परीक्षण किया, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लड़ाकू परिस्थितियों में प्रक्षेपित किया गया। इस सफल परीक्षण ने भारत की लंबी दूरी तक सटीक हमला करने की क्षमता को और अधिक मजबूत किया है। मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सटीकता से निशाना बनाकर एक बार फिर भारत की उन्नत मिसाइल प्रौद्योगिकी की धाक जमाई है। सदर्न कमांड ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मोस ने बंगाल की खाड़ी में गरजते हुए अपनी बेजोड़ गति, सटीकता और विनाशकारी क्षमता का लोहा मनवाया है। यह सफल प्रक्षेपण भारत की रक्षा क्षेत्र में बढ़ती आत्मनिर्भरता और सेना की किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहने की क्षमता का जीवंत प्रमाण है। यह परीक्षण ‘बैटल रेडी भारत’ की अदम्य भावना को भी दर्शाता है।
ब्रह्मोस: भारत का गौरव, विश्व में अद्वितीय
भारत और रूस के संयुक्त प्रयास का परिणाम, ब्रह्मोस मिसाइल, भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली है। थल सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों इसके विध्वंसक प्रहारों से लैस हैं। हाल के सैन्य अभियानों में, विशेषकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों को निशाना बनाकर जबरदस्त सफलता हासिल की थी। इस मिसाइल की युद्ध क्षेत्र में साबित हुई क्षमता ने दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचा है, जिसके परिणामस्वरूप इसके निर्यात की मांग में भारी वृद्धि देखी जा रही है।
निर्यात के बड़े सौदे की ओर भारत
रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत जल्द ही करीब 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात सौदों को अंतिम रूप देने वाला है। यह सौदा भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, क्योंकि यह रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगा। दुबई एयर शो में ब्रह्मोस मिसाइल के प्रदर्शन ने कई देशों की रुचि जगाई है, और यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसे कई और सौदे होंगे। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में नौसेना के जहाजों और वायु सेना के लिए भी ब्रह्मोस प्रणालियों की खरीद को हरी झंडी दी है। नौसेना अपनी वीर-श्रेणी की नौकाओं को ब्रह्मोस से लैस करेगी, वहीं वायु सेना इसे अपने सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों के साथ इस्तेमाल करना जारी रखेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मोस मिसाइल के असाधारण प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इसने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की शक्ति का परिचय दिया। ब्रह्मोस ने भारतीय वायु सेना के हमलों का नेतृत्व किया और दुश्मन के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचाया। इस सफल अभियान ने पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
