पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले चार हफ्तों से अपने प्रियजनों और कानूनी सलाहकारों से पूरी तरह कटे हुए हैं। उनकी बहन, नूरीन नियाज़ी ने उनके स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता जताई है और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नियाज़ी ने याद दिलाया कि पिछले साल इमरान खान को तीन हफ़्तों तक एकांत कारावास में रखा गया था, इस दौरान उन्हें न तो बिजली की सुविधा थी, न किताबें, और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने की इजाज़त। यह स्थिति जेल के नियमों में निर्धारित चार दिनों की सीमा से बहुत अधिक थी। अब, भयंकर गर्मी के मौसम में, इमरान खान को फिर से ऐसी ही क्रूर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, जहाँ उन्हें बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग कर दिया गया है।
इस्लामाबाद: अदीयाला जेल के अधिकारियों ने नवंबर 2023 के अंत में इमरान खान के निधन की अफवाहों को पूरी तरह से निराधार बताया था, और पुष्टि की थी कि वह जेल में हैं और उनकी सेहत ठीक है। हालांकि, नूरीन नियाज़ी का दावा है कि इमरान खान से मिलने के लिए निर्धारित यात्राएं, जिनमें खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी जैसे नेताओं के दौरे भी शामिल थे, लगातार रद्द की गईं।
पुलिसिया क्रूरता की निंदा:
नूरीन नियाज़ी ने पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान की तीखी आलोचना की है, उन पर इमरान खान के समर्थकों, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं, के खिलाफ अंधाधुंध पुलिसिया हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस कार्रवाई को पाकिस्तान के इतिहास में अभूतपूर्व दमन करार दिया। नियाज़ी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बिना किसी भय या परिणाम के प्रदर्शनकारियों पर हमला करने की खुली छूट दे दी गई है, जो कि देश के सामाजिक मूल्यों के लिए एक बड़ा अपमान है। दुनिया भर में इन घटनाओं की हो रही चर्चा, पीटीआई (PTI) के समर्थकों के खिलाफ हो रही कार्रवाई की गंभीरता को दर्शाती है।
कठोर जेल की दशाएं और संपर्क का अभाव:
इमरान खान के वकील और परिवार बार-बार जेल अधिकारियों से मिलने की अनुमति की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। नूरीन नियाज़ी ने पिछले साल के तीन हफ्तों के एकांत कारावास का उल्लेख करते हुए बताया कि उस दौरान न तो बिजली की व्यवस्था थी और न ही किताबें उपलब्ध थीं। उनका कहना है कि इमरान खान को अब भी इसी तरह की यातनाएं झेलनी पड़ रही हैं। वे भीषण गर्मी में अकेले हैं और बाहरी दुनिया से पूर्णतः कटे हुए हैं। जेल अधीक्षक ने फोन और इंटरनेट की सुविधा से इनकार किया है, लेकिन खान को 2023 से कई भ्रष्टाचार और आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट से कुछ मामलों में जमानत मिलने के बावजूद, उन्हें रिहा नहीं किया गया है।
समर्थन और चेतावनी:
नूरीन नियाज़ी ने अपने भाई के साथ जेल में बंद अन्य ‘गरीब और बेकसूर’ कैदियों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि इस बढ़ते दमन के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरेगी। पीटीआई (PTI) को इमरान खान की सेहत की चिंता सता रही है और वे तत्काल पारिवारिक मुलाक़ात की मांग कर रहे हैं। अदीयाला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है, जहाँ पूर्व प्रधानमंत्री की एकांत कारावास की स्थिति और मिलने की अनुमति न मिलने के खिलाफ आवाज़ उठाई जा रही है।
इमरान खान की बहन की हिटलर से तुलना:
नूरीन नियाज़ी ने पाकिस्तान में चल रहे दमनकारी माहौल की तुलना हिटलर के शासन काल से की है। उन्होंने कहा कि देश में ‘हिटलर-युग जैसा दमन’ चल रहा है, जहाँ लोगों का बिना किसी सुनवाई के अपहरण, हत्या और पिटाई की जा रही है। उन्होंने पेशावर में 26 नवंबर को गोली लगने से लकवाग्रस्त हुए एक युवक का उदाहरण दिया, और कहा कि यह उन अनगिनत घटनाओं में से एक है जो इतिहास के क्रूर अध्यायों की याद दिलाती हैं। नियाज़ी ने वर्तमान अत्याचारों की तुलना नाजी शासन की कहानियों से की, जहाँ लोगों को तहखानों में घसीटा जाता था, और कहा कि यह अनियंत्रित उत्पीड़न की एक भयानक हकीकत है।
सेना प्रमुख और सरकार पर गंभीर आरोप:
नूरीन नियाज़ी ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को ‘तानाशाह’ की संज्ञा दी है और शहबाज शरीफ की सरकार को देश के इतिहास की सबसे अलोकप्रिय सरकार बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने पुलिस को यह अधिकार दे दिया है कि वे बिना किसी डर के, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित किसी पर भी अंधाधुंध हमला कर सकते हैं। यह पाकिस्तान के लिए एक नया और चिंताजनक अनुभव है। पंजाब पुलिस पर अदीयाला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान उन पर और उनकी बहनों, एलेमा खान और डॉ. उज़मा खान पर हमला करने का भी आरोप है।
