दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 384 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। चिंता की बात यह है कि NCR के 19 प्रमुख स्थानों पर AQI 400 को पार कर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँच गया है।
यह स्थिति ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चरण III के प्रतिबंधों में ढील दी थी। दिल्ली में लगातार 14 दिनों से हवा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है, जो निवासियों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है।
**खतरनाक स्तर पर प्रदूषित क्षेत्र**
शहर के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। 39 निगरानी केंद्रों में से आधे से अधिक, यानी 19 स्थानों पर AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। इनमें आनंद विहार (411), बवाना (414), अशोक विहार (417), चांदनी चौक (407), नरेला (407) और आया नगर (402) जैसे इलाके शामिल हैं, जहाँ हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्थिति में है।
इसके अतिरिक्त, आईटीओ (396), अलीपुर (355) और आईजीआई एयरपोर्ट (360) जैसे क्षेत्रों में भी AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी के ऊपरी स्तर पर है, जो थोड़ी सी और गिरावट पर ‘गंभीर’ श्रेणी में जा सकते हैं।
**NCR भी प्रदूषण की चपेट में**
दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में भी स्थिति खराब है। नोएडा के सेक्टर 116 (AQI 438) और सेक्टर 125 (AQI 422) में हवा ‘गंभीर’ रूप से प्रदूषित है। गाजियाबाद के लोनी में भी AQI 425 दर्ज किया गया, जबकि इंदिरापुरम (385) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-V (399) में AQI ‘गंभीर’ के बेहद करीब है। गुरुग्राम में स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहाँ AQI 318 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
**ठंड का मौसम और प्रदूषण**
सर्दियों के मौसम में तापमान कम होने और हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषक कण जमीन के करीब जमा हो जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता और भी खराब हो जाती है।
**मौसम का पूर्वानुमान:** मौसम विभाग के अनुसार, आज आसमान में बादल छाए रहेंगे और कोहरा भी देखने को मिल सकता है। न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है।
**आगामी दिनों में राहत की उम्मीद कम:** दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने अगले छह दिनों तक ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में वायु गुणवत्ता बने रहने की भविष्यवाणी की है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में लोगों को प्रदूषण से तत्काल राहत मिलने की संभावना कम है।
