हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ और बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है। 24 नवंबर 2025 को लंबी बीमारी के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। धर्मेंद्र ने अपने छह दशक से अधिक के करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और भारतीय सिनेमा पर एक अमिट छाप छोड़ी।
करोड़ों दिलों पर राज करने वाले धर्मेंद्र सिर्फ एक शानदार अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक सफल व्यवसायी भी थे। उनकी संपत्ति का अनुमान 335 करोड़ से 450 करोड़ रुपये के बीच है, जिसमें रियल एस्टेट, होटल व्यवसाय और फिल्मों का निर्माण शामिल है।
धर्मेंद्र अपने पीछे पत्नी प्रकाश कौर, हेमा मालिनी और उनके छह बच्चे – सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता, अजीता, ईशा देओल और अहाना देओल को छोड़ गए हैं। वे 13 पोते-पोतियों के प्यारे दादा थे। अपने परिवार के प्रति उनके गहरे प्रेम और लगाव को सभी जानते थे और वे जीवन भर अपने परिवार के करीब रहे।
हाल ही में 2024 में, धर्मेंद्र ने ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ फिल्म में शाहिद कपूर के दादा का किरदार निभाया था। श्रीराम राघवन द्वारा निर्देशित उनकी अगली फिल्म ‘इक्कीस’ जल्द ही रिलीज होने वाली है, जिससे प्रशंसक उन्हें एक बार फिर पर्दे पर देख सकेंगे।
अपने शानदार अभिनय करियर में उन्होंने ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘धरम वीर’ जैसी कई सदाबहार फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन किया। उनका चार्म, बहुमुखी प्रतिभा और दमदार व्यक्तित्व उन्हें ‘बॉलीवुड का ही-मैन’ बनाता था।
फिल्मों के बाहर, धर्मेंद्र ने व्यवसाय में भी अपनी चतुराई साबित की। उनकी अनुमानित संपत्ति रियल एस्टेट, रेस्तरां, फिल्म प्रोडक्शन और निवेशों से आई थी। लोनावला में उनका 100 एकड़ का फार्महाउस उनकी सबसे कीमती संपत्तियों में से एक था, जो अपने विशाल बगीचों, घोड़ों, वेलनेस क्षेत्रों और खेती के लिए जाना जाता था। इस जमीन के एक हिस्से पर 30 कॉटेज वाला एक लग्जरी रिसॉर्ट बनाने की योजना भी थी। उन्होंने मुंबई और अन्य जगहों पर कई महंगी संपत्तियां भी खरीदी थीं। कारों के प्रति उनके लगाव को सब जानते थे; उनके गैरेज में मर्सिडीज-बेंज एसएल500 और रेंज रोवर इवोक जैसी लग्जरी कारों के साथ-साथ 1960 में खरीदी गई फिएट जैसी पुरानी कारें भी थीं।
धर्मेंद्र ने ‘गरम धरम ढाबा’ और ‘ही-मैन’ जैसे रेस्तरां खोलकर हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में भी कदम रखा, जो उनके फिल्मी किरदारों को श्रद्धांजलि देते थे। उन्होंने ‘यमला पगला दीवाना’ जैसी फिल्मों का निर्माण भी किया।
51 रुपये की पहली फिल्म से लेकर 335 करोड़ रुपये के साम्राज्य तक, धर्मेंद्र की यात्रा भारतीय सिनेमा की सबसे प्रेरणादायक सफलता की कहानियों में से एक है। उन्हें न केवल उनके अभिनय के लिए, बल्कि उनके व्यापारिक कौशल, विनम्रता और पारिवारिक मूल्यों के लिए भी याद किया जाएगा। धर्मेंद्र ने सिनेमा, उद्यमिता और पीढ़ियों से प्रशंसकों के दिलों में एक स्थायी जगह बनाई है।
