अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. के निकट व्हाइट हाउस से चंद दूरी पर बुधवार को हुई गोलीबारी में पश्चिम वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावर की पहचान रहमानुल्लाह लाकनवाल नामक अफगान नागरिक के रूप में की गई है। इस घटना को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया है।
घायल जवानों को तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया गया। यह घटना व्हाइट हाउस से मात्र दो ब्लॉक की दूरी पर एक मेट्रो स्टेशन के पास हुई, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। हमले के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।
**घटना का चश्मदीद विवरण**
डी.सी. पुलिस चीफ के कार्यकारी सहायक, जेफरी कैरोल के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि संदिग्ध अचानक सामने आया और जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
**संदिग्ध की गिरफ्तारी और चोटें**
गोलीबारी के दौरान, 29 वर्षीय संदिग्ध रहमानुल्लाह लाकनवाल को उसी समय जवाबी कार्रवाई में गोली लगी, जिसके बाद अन्य सैनिकों ने उसे पकड़ लिया। हालांकि, उसे लगी चोटें जानलेवा नहीं बताई जा रही हैं।
**अमेरिका में प्रवेश का इतिहास**
रहमानुल्लाह लाकनवाल, जो अफगान नागरिक है, 2021 में ‘ऑपरेशन अलाइज़ वेलकम’ के तहत अमेरिका पहुंचा था। यह अमेरिकी सरकार का वह कार्यक्रम है जिसके तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद हजारों अफगानों को देश में शरण दी गई थी। अनुमान है कि इस कार्यक्रम के तहत करीब 76,000 अफगान मूल के लोगों को अमेरिका में बसाया गया, जिनमें वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने अमेरिका के लिए दुभाषिए या अनुवादक के तौर पर काम किया था।
**पूर्व सैन्य अनुभव**
बताया जा रहा है कि लाकनवाल ने अफगान सेना में करीब दस साल तक सेवा की थी। उसका कुछ कार्यकाल कंधार में एक सैन्य अड्डे पर भी बीता, जहाँ उसने अमेरिकी विशेष बलों के साथ मिलकर काम किया था। सितंबर 2021 में वह अमेरिका आ गया था।
**वीटिंग प्रक्रिया पर सवाल**
इस घटना ने अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों की पृष्ठभूमि की जांच (वीटिंग) प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बहस छेड़ दी है। रिपब्लिकन पार्टी ने इस प्रक्रिया को कमजोर बताते हुए बिडेन प्रशासन पर निशाना साधा है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कार्यक्रम की आलोचना की। ‘ऑपरेशन अलाइज़ वेलकम’ कार्यक्रम पहले भी सुरक्षा एजेंसियों की जांच और धीमे पुनर्वास के कारण आलोचना का शिकार हो चुका है। वहीं, सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लाकनवाल का पिछला रिकॉर्ड क्या है और उसके हमले के पीछे क्या मंशा थी।
