बांग्लादेश सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण (extradition) के अपने अनुरोध पर भारत से प्रतिक्रिया की मांग की है। हसीना को 2024 की गर्मियों में हुए दंगों के दौरान ‘मानवाधिकारों के खिलाफ जघन्य अपराधों’ के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। ढाका ने पिछले सप्ताह इस संबंध में भारत को औपचारिक पत्र भेजा था।
ढाका: बांग्लादेश ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को भेजे गए उसके अनुरोध पर नई दिल्ली की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हसीना को जुलाई-अगस्त 2024 में हुई हिंसा के सिलसिले में ‘मानवाधिकारों के खिलाफ अपराधों’ के लिए मौत की सजा सुनाई गई है।
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार एम Touhid Hossain ने कहा है कि वे भारत के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और हसीना को दोषी ठहराया जा चुका है, जिससे यह मामला अब अधिक गंभीर हो गया है।
भारत से प्रत्यर्पण की मांग
बांग्लादेश ने पिछले हफ्ते एक औपचारिक अनुरोध के माध्यम से भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की थी। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने अपने पत्र में दोनों देशों के बीच मौजूद प्रत्यर्पण संधि का उल्लेख किया और भारत से “भगोड़े अभियुक्त” को वापस लाने में सहयोग करने की “बाध्यकारी जिम्मेदारी” निभाने का आग्रह किया।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था, “अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने आज फरार आरोपियों शेख हसीना और Asaduzzaman Khan Kamal को मानवाधिकारों के खिलाफ भयानक अपराधों का दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई है। ऐसे दोषियों को शरण देना किसी भी देश के लिए न्याय और शांति के सिद्धांतों के खिलाफ होगा।”
पत्र में यह भी कहा गया, “हम भारत सरकार से तत्काल इन दोनों व्यक्तियों को बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपने का अनुरोध करते हैं। मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के तहत यह भारत का एक अनिवार्य और कानूनी कर्तव्य है।”
भारत की ओर से प्रतिक्रिया
इस प्रत्यर्पण अनुरोध पर भारत की प्रारंभिक प्रतिक्रिया यह थी कि उसने इस मामले पर ध्यान दिया है और वह ढाका के साथ मिलकर काम करेगा ताकि बांग्लादेश के लोगों के हितों की पूर्ति हो सके।
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “भारत ने बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में सुनाए गए फैसले पर गौर किया है। भारत, बांग्लादेश का एक घनिष्ठ पड़ोसी होने के नाते, वहां शांति, लोकतंत्र और स्थिरता सहित बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। हम इस दिशा में सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करेंगे।”
