नई दिल्ली: मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार मंगलवार को झारखंड पैवेलियन पहुंचे। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्वलित कर झारखंड दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध परंपराओं, आदिवासी सांस्कृतिक विरासत और विकास यात्रा की इस प्रस्तुति को विशेष रूप से सराहा। इसके बाद उन्होंने पैवेलियन में लगे सभी 32 स्टॉलों का अवलोकन किया, जहाँ उन्होंने राज्य के कारीगरों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रस्तुत उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य भी इस अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपने विकास के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित कर रहा है। वर्तमान झारखंड सरकार राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी संस्कृति, परंपरा और विकास मॉडल—तीनों को समान प्राथमिकता देते हुए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, तकनीक और हवाई कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आधुनिक और उपयोगी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से विकसित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य झारखंड को एक सक्षम, समृद्ध और भविष्य-उन्मुख राज्य के रूप में स्थापित करना है।
झारखंड की सांस्कृतिक विविधता प्रभावशाली
नाट्यशाला थिएटर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में झारखंड के लोक कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकसंगीत और विरासत से सजी इन प्रस्तुतियों ने झारखंड की सांस्कृतिक विविधता को प्रभावशाली रूप में उजागर किया।
दर्शकों ने झारखंड की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का लिया आनंद
राज्य के रजत पर्व पर आयोजित झारखंड दिवस के अवसर पर प्रगति मैदान का एम्फीथियेटर झारखंड की लोक-संस्कृति के मनोहारी रंगों से गुलजार रहा। दर्शकों ने झारखंड की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया, जिनमें झारखण्ड के तपन नायक और टीम का छऊ नृत्य, किशोर नायक और टीम का नागपुरी नृत्य, सुखराम पाहन और टीम का मुंडारी नृत्य , श्री कृष्ण भगत और टीम का उरांव नृत्य और श्री अशोक कच्छप के पाइका नृत्य ने लोगो को मंत्रमुग्ध किया।
झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जैसे संस्थागत स्टॉल विशेष आकर्षण
झारखंड पवेलियन में इस वर्ष विविधता और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जहाँ राज्य के दर्जनों स्टॉल संचालक अपनी विशिष्ट कला और उत्पादों के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पैतकर और सोहराय पेंटिंग जैसे पारंपरिक कला स्टॉलों के साथ-साथ मत्स्य निदेशालय, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, झारक्राफ्ट, पलाश मार्ट और झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जैसे संस्थागत स्टॉल विशेष आकर्षण बने हुए हैं।
हस्तनिर्मित कला और उत्पाद आगंतुकों को विशेष रूप से कर रहे हैं आकर्षित
इसके अलावा छोटानागपुर क्राफ्ट, माटी कला बोर्ड, अर्मान कार्पेट, करियातपुर ब्रास, एमवीएम भागिमा (जोहार रागी), पीपल ट्री सहित कई स्थानीय उद्यमी और कारीगर जैसे मकबूल जादोपटिया, गीता वर्मा, संध्या सिंह कुंतिया, अनीता मंडल, अनूपा कुजूर, रजत कुमार हैंडलूम, आरती देवी हैंडलूम, अमोलीना सारस, ओम क्रिएशन, आइशा हैंडलूम, डामू बोदरा, बेबी कुमारी, बोगेंद्र पासवान और शांति विजय एंड कंपनी अपनी हस्तनिर्मित कलाओं और उत्पादों से आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं।
झारखंड दिवस समारोह ने IITF 2025 में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, कारीगरों की रचनात्मकता, और सरकार की विकासोन्मुख नीतियों का एक जीवंत, प्रेरक और गतिशील रूप प्रस्तुत किया। झारखंड पैवेलियन इस वर्ष भी नवाचार, परंपरा और प्रगति का अनूठा संगम बनकर उभरा है।
इस अवसर उद्योग सचिव श्री अरवा राजकमल, उद्योग निदेशक श्री विशाल सागर तथा अन्य पदाधिकारी भी माजूद रहे।
