इथियोपिया के अफ़ार क्षेत्र में स्थित हयली गुब्बी ज्वालामुखी ने 10,000 वर्षों की लंबी निद्रा के बाद रविवार को एक विनाशकारी विस्फोट किया। इस अप्रत्याशित घटना ने आसपास के समुदायों को झकझोर कर रख दिया। विस्फोट से उत्पन्न राख और धुएं ने अफ़देरा गांव को ढक लिया, जिससे निवासियों के लिए जीवनयापन मुश्किल हो गया।
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह क्षण किसी ‘अचानक दागे गए बम’ जैसा था, जिसमें आग और राख का गुबार उठा। स्थानीय अधिकारी मोहम्मद सेड ने स्पष्ट किया है कि इस ज्वालामुखी फटने से किसी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राख गिरने से ग्रामीण इलाकों में भोजन की कमी हो सकती है, जिससे पशुधन प्रभावित हो सकता है। उन्होंने एपी को बताया, “खुशी की बात है कि इंसानों और पशुओं को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन राख ने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे जानवरों के लिए चारा मिलना कठिन हो गया है।”
अफ़ार क्षेत्र के एक निवासी अहमद अब्दुला ने विस्फोट को याद करते हुए कहा, “ऐसा लगा जैसे कोई भारी बम अचानक फट गया हो, और चारों ओर धुआं और राख फैल गई हो।” ज्वालामुखी की राख के कारण आसमान का रंग बदल गया है और उड़ानों पर गंभीर असर पड़ा है। भारत में भी, दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। कई उड़ानें, जिनमें अकासा एयर, इंडिगो और एयर इंडिया की सेवाएं शामिल हैं, या तो रद्द कर दी गई हैं या उन्हें दूसरे हवाई अड्डों पर भेजा गया है। अकासा एयर ने एक बयान जारी कर 24 और 25 नवंबर 2025 को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी जाने वाली अपनी उड़ानों के रद्द होने की सूचना दी है, जिसका कारण इथियोपियाई ज्वालामुखी से उत्पन्न राख का गुबार बताया गया है।
