इजरायली खुफिया एजेंसी मोसड ने लेबनान के बेरूत में एक बेहद सटीक ऑपरेशन को अंजाम देते हुए हिजबुल्लाह के एक प्रमुख कमांडर को मार गिराया है। यह ताजा हमला उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत इजरायल उन आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बना रहा है जिन्हें वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
मोसड द्वारा दी गई गुप्त सूचना पर आधारित, इजरायली वायु सेना ने बेरूत के एक रिहायशी इलाके में हवाई हमला किया। इस हमले में हिजबुल्लाह के लिए चीफ ऑफ स्टाफ और इजरायल के खिलाफ कई घातक हमलों के मास्टरमाइंड रहे अली तबतबाई को निशाना बनाया गया। तबतबाई पर अमेरिका द्वारा 5 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित था। इस ऑपरेशन की सटीकता ने दुनिया को चौंका दिया है, जिसने इजरायली खुफिया एजेंसी की क्षमता को फिर से साबित किया है।
**कैसे हुई ऑपरेशन की योजना?**
बेरूत से प्राप्त फुटेज में उस घनी आबादी वाले इलाके को देखा जा सकता है जहाँ तबतबाई छिप रहे थे। संकरी सड़कें और ऊंची इमारतें ऐसे ऑपरेशन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण थीं। इजरायल का यह हवाई हमला इसलिए खास है क्योंकि इसमें केवल तबतबाई के फ्लैट को ही निशाना बनाया गया, जबकि आस-पास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यह इस बात का प्रमाण है कि ऑपरेशन में अत्यधिक सटीकता बरती गई और किसी भी आम नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं है।
इजरायली वायु सेना ने हमले के बाद का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें आग और मलबे में तब्दील होती हुई वह विशिष्ट मंजिल दिखाई दे रही है जहाँ तबतबाई मौजूद थे।
**तबातबाई की सुरक्षा की परतें**
हिजबुल्लाह ने अपने कमांडर तबतबाई की सुरक्षा के लिए कई पुख्ता इंतजाम किए थे:
* उनकी हर पल की सुरक्षा के लिए कई सुरक्षा दलों की तैनाती।
* उनके हर संभावित स्थान पर पहले से ही सिग्नल जैमर का प्रबंध।
* उनके काफिले की पहचान छिपाने के लिए आगे-पीछे चलने वाले कई नकली वाहन।
* उनके ठहरने की जगहों पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध (‘फोन-फ्री जोन’)।
* रात को सोने के लिए हर दिन नई जगह का चुनाव, ताकि अगली सुबह वे एक ही स्थान पर न मिलें।
* बैठकों के लिए कोई निश्चित कार्यालय नहीं, बल्कि अलग-अलग इमारतों का प्रयोग।
**मोसड का AI और जमीनी एजेंटों का गठजोड़**
मोसड के एजेंटों के लिए तबतबाई को ढूंढना टेढ़ी खीर साबित हो रहा था, क्योंकि वे उपग्रहों, ड्रोन या कैमरों की नजरों से छिपे रहने में माहिर थे। इस मुश्किल को पार करने के लिए, मोसड ने एक उन्नत AI प्रणाली का सहारा लिया। यह प्रणाली किसी व्यक्ति विशेष को ट्रैक करने के बजाय, अनूठी व्यवहारिक आदतों और पैटर्न का विश्लेषण करती थी। उदाहरण के लिए:
* किसी इलाके में बिजली की खपत का अचानक बढ़ जाना।
* नजदीकी क्षेत्रों में सिग्नल जैमर का चालू होना।
* किसी खास दिन सड़कों का व्यवस्थित रूप से साफ किया जाना।
* देर रात (जैसे 2 बजे) बालकनियों पर पर्दों का अचानक गिराया जाना।
इन सूक्ष्म संकेतों का विश्लेषण कर AI ने संभावित ठिकानों को दक्षिण-पश्चिम बेरूत की तीन इमारतों तक सीमित कर दिया। जब AI ने इमारतों की पहचान कर ली, तब मोसड ने अपने जमीनी एजेंटों को हरकत में लाया। एक एजेंट ने एक विशिष्ट फ्लैट के बाहर दो गार्डों को देखा, जो केवल तबतबाई की मौजूदगी में ही नियुक्त किए जाते थे। चूँकि यह क्षेत्र नागरिकों का था, इजरायली सेना सीधे तौर पर बड़े पैमाने पर हमला करने से कतरा रही थी। ऐसे में, मोसड ने तबतबाई की पुष्टि के लिए एक छोटे, चिड़िया के आकार के ड्रोन का इस्तेमाल करके ऑपरेशन को अंजाम दिया।
