रांची: झारखंड के राजनीतिक गलियारों में तब हड़कंप मच गया जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर एक बड़ा और गंभीर आरोप लगाया। मरांडी ने दावा किया कि सरकार प्रदेश में हो रहे अपराधों को छुपाने के लिए जानबूझकर नए अपराधों को जन्म दे रही है।
हाल ही में धनबाद के कोयलांचल क्षेत्र में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी ने कई गंभीर खुलासे किए हैं। इस कार्रवाई में सामने आया है कि कोयले के काले कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले कुछ शीर्ष पुलिस अधिकारी, कोयला तस्करों को निर्देश दे रहे हैं कि वे अपने कुछ खास गुर्गों को ‘खत्म’ कर दें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ED की जांच आगे न बढ़ पाए और सच बाहर न आए।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि ED जिन व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है, उनकी सुरक्षा खतरे में है और उनकी हत्या की योजना बनाई जा रही है ताकि वे गवाही न दे सकें। यह स्थिति राज्य में पहले भी देखी गई है, जहाँ अपराधियों को पकड़ने के बजाय ‘सबूतों का एनकाउंटर’ किया जाता रहा है। बाबूलाल मरांडी ने याद दिलाया कि झारखंड अतीत में ऐसे पुलिस अधिकारियों को भी देख चुका है जिन पर सुपारी लेकर एनकाउंटर करवाने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, यहां तक कि सत्ताधारी दल ने भी उन पर सवाल उठाए थे।
मरांडी ने ED को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसे माहौल में जहाँ सत्ता, व्यवस्था और माफिया मिलकर काम करते हैं, सच की आवाज़ को दबाना आसान हो जाता है और न्याय की प्रक्रिया बाधित होती है।
