राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। शहर की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी को पार कर गया है, जो स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में AQI 347 से 455 के बीच दर्ज किया गया है, जो तत्काल स्वास्थ्य जोखिमों का संकेत देता है।
दिल्ली के 39 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 20 ने 400 से ऊपर का AQI दर्ज किया। सुबह के शुरुआती घंटों में, जहांगीरपुरी, रोहिणी, आनंद विहार, अलीपुर, बवाना, अशोक विहार, बुराड़ी, आईटीओ और द्वारका जैसे इलाके सबसे अधिक प्रभावित पाए गए। इन जगहों पर प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया कि दृश्यता काफी कम हो गई और लोगों ने सुबह की सैर और अन्य बाहरी गतिविधियों से परहेज करना शुरू कर दिया। इंडिया गेट जैसे पर्यटक स्थलों पर भी सामान्य से कम भीड़ देखी गई।
प्रदूषण का यह गंभीर स्तर केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि NCR के शहरों में भी इसने चिंताजनक रूप ले लिया है। नोएडा में AQI 396 (‘बहुत खराब’ के करीब ‘गंभीर’) और गाजियाबाद में 432 (‘गंभीर’) दर्ज किया गया। गुरुग्राम (291) और फरीदाबाद (239) में AQI ‘खराब’ श्रेणी में है, लेकिन हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि ऐसे खतरनाक स्तर पर लंबे समय तक हवा में सांस लेना श्वसन तंत्र और हृदय प्रणाली के लिए जानलेवा हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
इस गंभीर स्थिति के खिलाफ दिल्लीवासियों का गुस्सा भी बढ़ रहा है। रविवार को इंडिया गेट पर निवासियों ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ‘दिल्ली कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर क्लीन एयर’ के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रभावी और दीर्घकालिक कदम उठाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकारी उपाय केवल दिखावटी हैं और समस्या की जड़ तक नहीं पहुंचते। सरकार और संबंधित प्राधिकरणों पर अब तत्काल कार्रवाई करने का भारी दबाव है।
