पाकिस्तान एक बार फिर अपने झूठ के जाल में फंस गया है, और इस बार उसे भारत नहीं, बल्कि फ्रांस ने आईना दिखाया है। फ्रांसीसी नौसेना ने एक पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए इस्लामाबाद के उस दावे को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है जिसमें कहा गया था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के दुष्प्रचार तंत्र की पोल खोलता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है।
मामला तब गरमाया जब पाकिस्तान के प्रमुख समाचार आउटलेट जियो टीवी ने 21 नवंबर को एक लेख प्रकाशित किया। इस लेख में एक काल्पनिक फ्रांसीसी नौसैनिक अधिकारी के हवाले से दावा किया गया था कि पाकिस्तान की हवाई क्षमता भारतीय राफेल से बेहतर थी और कई भारतीय राफेल विमानों को मार गिराया गया था। यह लेख ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हुई हवाई झड़पों का जिक्र कर रहा था, जो अप्रैल में भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद हुई थी।
असली स्कैंडल: गलत नाम और झूठे बयान
इस पूरे मामले का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि जियो टीवी ने न केवल झूठे बयान गढ़े, बल्कि जिस फ्रांसीसी अधिकारी का नाम लिया, वह भी गलत था। फ्रांसीसी नौसेना ने आधिकारिक तौर पर स्पष्ट किया कि कैप्टन यवन लॉनी (Captain Yvan Launay) नामक किसी अधिकारी ने ऐसे कोई बयान नहीं दिए थे, और न ही जियो टीवी द्वारा संदर्भित “जैक्स लॉनी” (Jacques Launay) नाम का कोई व्यक्ति उनके साथ जुड़ा था। फ्रांसीसी नौसेना ने इसे “व्यापक गलत सूचना और दुष्प्रचार” करार दिया।
फ्रांस का कड़ा रुख
फ्रांस की मरीन नेशनल (Marine Nationale) ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर जारी बयान में कहा, “ये बयान कैप्टन लॉनी को दिए गए थे, जिन्होंने किसी भी तरह के प्रकाशन के लिए कभी सहमति नहीं दी थी। लेख में व्यापक गलत सूचना और दुष्प्रचार शामिल है।” इस बयान ने पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही झूठी कहानी को पूरी तरह से खत्म कर दिया।
दावों की वास्तविकता
पाकिस्तान के लेख में यह भी दावा किया गया था कि उक्त फ्रांसीसी अधिकारी ने एक सम्मेलन में कहा था कि 6-7 मई की हवाई झड़प में पाकिस्तान वायु सेना का प्रदर्शन बेहतर था और चीन ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया था। फ्रांसीसी नौसेना ने इन सभी दावों का खंडन करते हुए कहा कि इनमें से कोई भी तथ्य सही नहीं है।
झूठ फैलाने का खतरनाक खेल
पाकिस्तान का यह कृत्य केवल फर्जी खबर फैलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है जिसका मकसद अपने नागरिकों और दुनिया को गुमराह करना है। इस बार, भारत को बदनाम करने की कोशिश में पाकिस्तान की अपनी मीडिया ने खुद अपनी विश्वसनीयता खो दी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपहास का पात्र बन गया।
