नई दिल्ली: एक चौंकाने वाले खुलासे में, एजेंसियों ने डॉ. शाहीन नामक एक महिला डॉक्टर के नेतृत्व वाले एक बड़े आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। डॉ. शाहीन पर मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को आत्मघाती हमलावर (Human Bombs) बनाने के लिए भर्ती करने और प्रशिक्षित करने का आरोप है। यह ऑपरेशन ‘मुजाहिद जंगजू’ कोड नाम से चलाया जा रहा था।
**कमजोर युवतियों को बनाया निशाना:**
जांचकर्ताओं को पता चला है कि डॉ. शाहीन ने विशेष रूप से उन मुस्लिम युवतियों को चुना जो मुश्किल हालात से गुजर रही थीं, जैसे कि तलाकशुदा या पारिवारिक कलह से पीड़ित महिलाएं। साथ ही, 14 से 18 साल की किशोरियों को भी बहकाकर अपने मकसद के लिए इस्तेमाल करने की योजना थी। ‘मिशन काफिर’ के तहत, इन युवतियों को कट्टरपंथी बनाकर भयानक आत्मघाती हमलों के लिए तैयार किया जा रहा था।
**40 करोड़ का संदिग्ध वित्तीय लेनदेन:**
डॉ. शाहीन और उसके सहयोगियों, डॉ. आदिल, डॉ. आरिफ और डॉ. परवेज़ के बैंक खातों की गहन जांच से पिछले सात वर्षों में 40 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन सामने आए हैं। यह पैसा छोटे-छोटे टुकड़ों में, कोडित तरीके से खातों के बीच भेजा जा रहा था। एक खास बात यह सामने आई है कि गुप्त संदेशों के लिए बड़ी रकमों में एक रुपया अतिरिक्त जोड़ा जाता था, जैसे 1,00,001 रुपये। इस तरह के पैटर्न से यह जाहिर होता है कि आतंकी गतिविधियों के लिए धन की आपूर्ति एक सोची-समझी रणनीति के तहत की जा रही थी।
**जटिल संरचना वाला आतंकी नेटवर्क:**
डॉ. शाहीन उत्तर प्रदेश में फैले कई आतंकी गुटों की सरगना थी। उसने डॉक्टरों की छोटी-छोटी टीमें बनाई थीं, जिन्हें ‘HOD’ (हेड ऑफ डिपार्टमेंट) के कोड नाम वाले लीडर नियंत्रित करते थे। गोपनीयता बनाए रखने के लिए, इन टीमों को एक-दूसरे के बारे में जानकारी नहीं थी। यह स्लीपर सेल की तरह काम कर रहा था। यह भी पता चला है कि डॉ. शाहीन का संपर्क पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों से था, और वे आतंकी प्रशिक्षण तथा बम बनाने की तकनीकों पर वीडियो का आदान-प्रदान करते थे।
इन खुलासों से डॉ. शाहीन के दुर्भावनापूर्ण इरादों और उसके द्वारा स्थापित किए गए जटिल आतंकी ढांचे का पता चलता है, जिसने भारत में बड़े हमले कराने के लिए विशेष रूप से कमजोर मुस्लिम युवतियों को निशाना बनाया।
