प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में फैले कोयला माफिया के विरुद्ध एक बड़ा कदम उठाते हुए 40 से अधिक ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू किया है। यह समन्वित कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है और इसका संबंध कोयला चोरी और तस्करी के अनेक महत्वपूर्ण मामलों से है। इन मामलों में अनिल गोयल, संजय उद्योग, एलबी सिंह और अमर मंडल नामक व्यक्तियों/संस्थाओं की भूमिका की गहन जांच की जा रही है।
**कोयला pilferage/theft से सरकारी खजाने को भारी नुकसान**
ईडी द्वारा की जा रही जांच के अनुसार, इन मामलों में कोयले की pilferage (चोरी) और अवैध हेरफेर का पैमाना बहुत बड़ा है। इससे सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। यह मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एक बड़ा रैकेट हो सकता है, जिसकी तह तक जाने के लिए ईडी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है।
**दो राज्यों में एक साथ कार्रवाई**
झारखंड में, ईडी ने लगभग 18 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें कोयला माफिया से जुड़े प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया। वहीं, पश्चिम बंगाल में, दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जैसे जिलों में करीब 24 परिसरों में तलाशी ली गई। इन छापों का उद्देश्य अवैध कोयला खनन, परिवहन और भंडारण की गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान करना और उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा करना है। ईडी की यह कार्रवाई कोयला क्षेत्र में चल रहे अवैध धंधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
