दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शुक्रवार सुबह थोड़ी राहत मिली, लेकिन समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अब भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए उपायों के बावजूद, शहर वासियों को अभी भी जहरीली हवा का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत AQI 370 था, जो गुरुवार शाम के 391 से बेहतर है।
राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर AQI 307 दर्ज किया गया, जबकि ITO क्षेत्र में यह 378 पर पहुंचा। पंजाबी बाग में भी वायु गुणवत्ता 379 के स्तर पर रही।
अन्य प्रमुख स्थानों पर भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। नजफगढ़ का AQI 350, दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर का 385, आया नगर का 340 और सीआरआरआई मथुरा रोड का 370 रहा। इंडिया गेट, अक्षरधाम और कर्तव्य पथ जैसे इलाकों में घना स्मॉग छाया रहा। कुछ क्षेत्र ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गए, जैसे आनंद विहार (418), अशोक विहार (411), रोहिणी (424) और आरके पुरम (401)।
यह ध्यान देने योग्य है कि 0-50 AQI ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बहुत खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ माना जाता है।
प्रदूषण के स्तर में यह वृद्धि बुधवार को शहर में छाए घने स्मॉग के बाद हुई। उस दिन सुबह 9 बजे दिल्ली का औसत AQI 399 था, जो बुधवार के 392 के करीब था।
बढ़ते प्रदूषण को लेकर अदालतों ने भी चिंता जताई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर सरकार को सुझाव दिया है कि नवंबर से जनवरी तक स्कूली बच्चों के लिए बाहरी खेलकूद बंद कर दिए जाएं, ताकि उनके स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।
सर्वोच्च न्यायालय ने GRAP-3 के तहत निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित श्रमिकों के लिए भत्ते का भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि वायु प्रदूषण से संबंधित उपायों की नियमित समीक्षा होनी चाहिए और इस मुद्दे पर हर महीने सुनवाई की जाएगी।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण को काबू में करने के लिए 11 नवंबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण (GRAP-III) को लागू किया है। इसके तहत निर्माण गतिविधियों, वाहनों के आवागमन और औद्योगिक परिचालन पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
