भारत में चीतों के पुनर्वास के लिए चलाए जा रहे ‘प्रोजेक्ट चीता’ को एक बेहद अहम पड़ाव हासिल हुआ है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक भारतीय मूल की चीता ‘मुखी’ ने पांच नन्हे शावकों को जन्म दिया है। यह घटनाक्रम इस परियोजना की सफलता और चीतों के भारतीय पर्यावरण में सहज होने के प्रबल संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस ‘ऐतिहासिक मील के पत्थर’ को प्रोजेक्ट चीता के लिए एक बड़ी जीत बताया। उन्होंने आश्वासन दिया कि नवजात शावक और उनकी मां ‘मुखी’ दोनों स्वस्थ हैं। 33 महीने की ‘मुखी’ ने न सिर्फ कुनो में जन्म लेने वाली पहली चीता होने का गौरव हासिल किया, बल्कि भारत में जन्मी पहली चीता के रूप में सफलतापूर्वक प्रजनन कर एक मिसाल कायम की है।
‘मुखी’ के सफल प्रजनन को चीतों के भारतीय आवासों में अनुकूलन, उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घकालिक संभावनाओं का एक मजबूत प्रमाण माना जा रहा है। यह सफलता भारत में चीता आबादी को स्थिर और विविध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, जो राष्ट्र की संरक्षण प्राथमिकताओं को पूरा करने में सहायक होगी।
भारत में चीतों की वापसी 17 सितंबर 2022 को हुई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो में छोड़ा था। यह पहली बार था जब चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित किया गया था।
