दिल्ली blast की जांच का केंद्र बनती जा रही अल फलाह यूनिवर्सिटी के प्रबंधन से जुड़े अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन की मध्य प्रदेश स्थित पारिवारिक संपत्ति पर प्रशासन का चाबुक चला है। मऊ छावनी बोर्ड ने तीन दिन के भीतर अवैध निर्माण को ढहाने का आदेश जारी किया है।
फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी, जो अल फलाह ग्रुप द्वारा संचालित है, 10 नवंबर को दिल्ली में हुए blast मामले में जांच का मुख्य बिंदु बनी हुई है, जिसमें 15 लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे।
इस बीच, मऊ, मध्य प्रदेश में अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के परिवार की एक संपत्ति में अवैध निर्माण को लेकर मऊ छावनी बोर्ड ने कार्रवाई की है। बोर्ड ने संपत्ति के मालिकों और कानूनी वारिसों को 72 घंटे के भीतर अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया है।
छावनी अभियंता, एच.एस. कलौता ने पुष्टि करते हुए कहा कि स्वर्गीय मौलाना हम्माद, जो जवाद अहमद सिद्दीकी के पिता थे, की यह संपत्ति है। उन्होंने बताया कि छावनी बोर्ड द्वारा 1996-97 से ही इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब, यदि संपत्ति के मौजूदा कब्जेदारों या वारिसों ने तीन दिन के अंदर अवैध ढांचे को नहीं हटाया, तो छावनी बोर्ड स्वयं इसे गिरा देगा। साथ ही, इस कार्रवाई में होने वाले सारे खर्च की वसूली संबंधित व्यक्ति से छावनी अधिनियम के तहत की जाएगी।
यह संपत्ति (हाउस नंबर 1371) मऊ के मुकेरी मोहल्ला में सर्वे नंबर 245/1245 पर स्थित है। गौरतलब है कि जवाद सिद्दीकी के भाई, हमूद अहमद सिद्दीकी को कुछ समय पहले ही मध्य प्रदेश में हुए एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। उन पर 25 साल पहले मऊ में गंभीर वित्तीय अपराधों को अंजाम देने का आरोप है।
यह भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली blast का मुख्य अभियुक्त, डॉ. उमर उन नबी, अल फलाह यूनिवर्सिटी का ही छात्र था। पुलिस को शक है कि blast से जुड़े कई अन्य संदिग्धों का भी इस यूनिवर्सिटी से कनेक्शन हो सकता है, जिसके चलते यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
