दक्षिण एशिया की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चिंता उभर कर सामने आई है। साहिब वाजेद जॉय, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे हैं, ने दावा किया है कि उनका देश आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। उन्होंने भारत को इस गंभीर खतरे के प्रति तुरंत सचेत रहने की सलाह दी है।
वर्जीनिया से ANI को दिए एक साक्षात्कार में, वाजेद ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी समूह अब बांग्लादेश में खुलेआम काम कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिल्ली में हुई आतंकी घटनाओं और बांग्लादेश में सक्रिय आतंकियों के बीच सीधा संबंध होने का भी खुलासा किया।
‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे को लेकर बेहद चिंतित होंगे,’ वाजेद ने कहा। उनके अनुसार, वर्तमान यूनुस सरकार ने उनकी मां, शेख हसीना द्वारा आतंकवाद के खिलाफ की गई वर्षों की कार्रवाई के बाद जेलों में बंद हजारों आतंकियों को रिहा कर दिया है।
**दिल्ली हमलों में LeT की संलिप्तता और ISI की भूमिका:**
वाजेद के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा, जो 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था, अब बांग्लादेश से अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि LeT की स्थानीय शाखा का सीधा संबंध दिल्ली में हुए हालिया आतंकी हमलों से है। यह जानकारी इस ओर इशारा करती है कि बांग्लादेश अब भारतीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
इसके अलावा, वाजेद ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ISI ने पिछले साल हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सीमा पार से आतंकियों को हथियार मुहैया कराए थे। ‘बिना किसी संदेह के, ये हथियार कहीं न कहीं से तो आए होंगे, और इसका सबसे बड़ा स्रोत ISI ही है,’ उन्होंने कहा, और सबूत के तौर पर विरोध प्रदर्शनों में हथियारबंद लोगों के वीडियो का भी उल्लेख किया।
**बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल और हसीना की सुरक्षा:**
बांग्लादेश सरकार द्वारा शेख हसीना के प्रत्यर्पण के प्रयासों को वाजेद ने पूरी तरह से अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि सुनवाई से पहले 17 जजों को हटा दिया गया, संसद की मंजूरी के बिना कानूनों में फेरबदल किया गया और हसीना के वकीलों को सुनवाई से वंचित रखा गया। ‘जब निष्पक्ष सुनवाई का कोई मौका ही नहीं है, तो कोई भी देश प्रत्यर्पण के अनुरोध को कैसे स्वीकार कर सकता है?’ उन्होंने पूछा।
वाजेद ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उनकी मां की जान बचाई। उन्होंने बताया कि अगर शेख हसीना बांग्लादेश में रुकी रहतीं, तो आतंकियों ने उनकी हत्या की योजना बनाई थी।
**अलोकतांत्रिक शासन और राजनीतिक कैदी:**
वाजेद ने यूनुस सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वे बिना किसी चुनाव के डेढ़ साल से अधिक समय से सत्ता पर काबिज हैं, और देश में अलोकतांत्रिक माहौल बना हुआ है। उन्होंने दावा किया कि हजारों राजनीतिक कैदी बिना किसी मुकदमे के जेलों में सड़ रहे हैं।
अपनी मां के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में, वाजेद ने स्वीकार किया कि ‘बांग्लादेश में भ्रष्टाचार तो था’, लेकिन उनका मानना है कि शेख हसीना के शासनकाल में देश ने महत्वपूर्ण प्रगति की थी।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इन सभी गंभीर आरोपों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक और सुरक्षा चुनौती है कि क्या बांग्लादेश अब आतंकवाद के फैलाव का एक नया केंद्र बन गया है।
