दुबई एयरशो 2025 में रूसी रक्षा उद्योग ने अपनी सबसे प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी लगाई है। ROSOBORONEXPORT ने अपने इतिहास में पहली बार हथियारों की इतनी बड़ी फुल-स्केल प्रदर्शनी प्रस्तुत की है, जो मध्य पूर्व के बढ़ते रक्षा बाज़ार में रूस की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। वर्तमान वैश्विक सैन्य प्रतिस्पर्धा के माहौल में, रूस अपनी उन्नत हवाई, मिसाइल, ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं को प्रदर्शित कर रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक रक्षा बाज़ार अगले दशक में 800 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा, और मध्य पूर्व इस विस्तार का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
रक्षा उत्पादों के निर्यात की प्रमुख सरकारी संस्था ROSOBORONEXPORT, 17 से 21 नवंबर तक आयोजित इस प्रदर्शनी में रूसी पवेलियन का नेतृत्व कर रही है। 1,000 वर्ग मीटर का यह विशाल पवेलियन रूस की महत्वाकांक्षी योजनाओं को उजागर करता है। यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड इंजन कॉर्पोरेशन, रेडियो-इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजीज कंसर्न, अल्माज़-एंटी एयर एंड स्पेस डिफेंस कॉर्पोरेशन, टैक्टिकल मिसाइल्स कॉर्पोरेशन और कई अन्य प्रमुख प्रौद्योगिकी फर्मों के सहयोग से यह प्रदर्शन रूस की समग्र रक्षा शक्ति का परिचय देता है।
ROSOBORONEXPORT के अनुसार, 850 से अधिक रक्षा उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इनमें से 30 से अधिक प्रमुख हथियार प्रणालियों को पूर्ण आकार में रखा गया है। मुख्य आकर्षणों में Su-57E पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर, आधुनिक मिसाइलें, विभिन्न प्रकार के ड्रोन और उन्नत वायु रक्षा प्रणालियाँ शामिल हैं।
Su-57E, रूस का निर्यात-उन्मुख स्टील्थ फाइटर, मध्य पूर्व में अपनी पहली उड़ान प्रदर्शन में भाग लेगा। यह विमान उन देशों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प है जो उन्नत हवाई शक्ति की तलाश में हैं, जिनमें सऊदी अरब, यूएई, मिस्र और अल्जीरिया शामिल हैं। रूस इस विमान के निर्यात के साथ-साथ स्थानीय उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की पेशकश भी कर रहा है, जिसके सौदे 5 से 7 अरब अमेरिकी डॉलर तक के हो सकते हैं।
Su-57E के स्टैटिक डिस्प्ले में इसके आंतरिक हथियार भी शामिल हैं, जैसे RVV-MD2 शॉर्ट-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, RVV-BD लॉन्ग-रेंज मिसाइल, Kh-38MLE और Kh-69 एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल, Grom-E1 गाइडेड बम और Kh-58UShKE एंटी-रेडिएशन मिसाइल। ये हथियार Su-57E को F-35A जैसे पश्चिमी स्टील्थ फाइटरों के समकक्ष बनाते हैं, जो इसकी बहु-भूमिका क्षमताओं को दर्शाते हैं।
इसके अलावा, IL-76MD-90A(E) हैवी एयरलिफ्टर भी प्रदर्शित किया गया है, जिसकी भार वहन क्षमता 60 टन (4,000 किमी) या 52 टन (5,000 किमी) है। यह उन्नत EO सिस्टम से लैस है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी सटीक एयरड्रॉप कर सकता है। इसके वैकल्पिक कॉन्फ़िगरेशन में EW सूट, अग्निशमन मॉड्यूल और चिकित्सा निकासी की सुविधा शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 50-60 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
Yak-130M लाइट कॉम्बैट और ट्रेनर विमान पहली बार विश्व मंच पर पेश किया गया है। इसमें नए एवियोनिक्स, रडार, EW सिस्टम और RVV-MD मिसाइलों व KAB-250LG-E बमों जैसे हथियारों की क्षमता है। यह विमान लगभग 25-30 मिलियन अमेरिकी डॉलर में उपलब्ध है और प्रशिक्षण व लड़ाकू मिशन दोनों के लिए उपयुक्त है।
Ka-52 अटैक हेलीकॉप्टर भी उड़ान प्रदर्शन करेगा। इसकी विशिष्ट कोएक्सियल रोटर डिज़ाइन इसे युद्धाभ्यास में श्रेष्ठ बनाती है। इसके हथियार प्रणालियों में Kh-MD, Kh-38MLE और 305E मिसाइलें शामिल हैं।
रूस नई इंजन तकनीक में आइटम 177S टर्बोजेट इंजन भी पेश कर रहा है, जो बेहतर प्रदर्शन और लंबी सेवा अवधि का वादा करता है।
मानव रहित हवाई वाहन (UAVs) में Orlan-10E, Orlan-30, Skat-350M रिकॉनिसेंस UAVs, साथ ही युद्ध-अनुभवी Lancet-E और KUB-2-2E लोइटरिंग म्यूनिशन शामिल हैं। ये सिस्टम टोही, लक्ष्यीकरण और सटीक हमलों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और 2030 तक इनका वैश्विक बाज़ार 8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
पहली बार, रूस पैंटसिर-एसएमडी-ई सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम सहित फुल-स्केल वायु रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन कर रहा है। यह सिस्टम ड्रोन, क्रूज मिसाइल और अन्य हवाई खतरों को भेदने में सक्षम है, और इसमें 48 शॉर्ट-रेंज या 12 लॉन्ग-रेंज मिसाइलों के कॉन्फ़िगरेशन हो सकते हैं।
Dzhigit लॉन्चर, Verba MANPADS और SKVP एयरस्पेस कंट्रोल सूट जैसी प्रणालियाँ रूस की एकीकृत रक्षा समाधानों की क्षमता को दर्शाती हैं।
इस प्रदर्शनी में इंजन, एवियोनिक्स, EW सिस्टम, मिसाइलें और हेलीकॉप्टर प्लेटफॉर्म भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जो संभावित खरीदारों को रूस की रक्षा प्रौद्योगिकी का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करते हैं।
व्यापारिक बातचीत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और स्थानीय उत्पादन पर जोर दिया जाएगा। मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया-प्रशांत के देश अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी सहयोग को महत्व दे रहे हैं।
दुबई एयरशो 2025 में रूस की उपस्थिति उसकी वैश्विक रक्षा रणनीति का हिस्सा है। प्रतिस्पर्धी मूल्य, सिद्ध तकनीक और रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से, रूस वैश्विक सैन्य बाज़ार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
