पूर्वी सिंहभूम शहर में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गया है। एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ़ वर्ल्ड ने इस मुद्दे को उठाते हुए जिला प्रशासन से तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की अपील की है। सोमवार को संगठन के झारखंड प्रदेश महासचिव शशि आचार्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मिलकर एक विस्तृत मांग पत्र प्रस्तुत किया।
ज्ञापन में संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि शहर की सड़कें, सार्वजनिक स्थल और आवासीय कॉलोनियां आवारा कुत्तों, सांडों और अन्य मवेशियों के कारण असुरक्षित हो चुकी हैं। हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया गया कि जंगली सांडों के हमलों में कई महिलाओं को चोटें आई हैं, जबकि आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं आम हो गई हैं, जिससे लोगों में खौफ और नाराजगी बढ़ रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से सड़क पर विचरण करने वाले पशुओं के लिए एक स्थायी समाधान की मांग की है। इसमें आवारा पशुओं को पकड़कर उचित देखभाल के लिए सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शामिल है। उन्होंने सुझाया कि स्थायी शेल्टर होम के निर्माण की प्रक्रिया को तेज किया जाए, आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी अभियान को फिर से जोर-शोर से चलाया जाए, और भीड़भाड़ वाले इलाकों से इन पशुओं को हटाकर सुरक्षित व नियंत्रित जगहों पर स्थापित किया जाए। सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु, संगठन ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि दुर्घटनाओं और हमलों की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
प्रदेश महासचिव शशि आचार्य एवं पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इन जनहितैषी मांगों पर त्वरित कार्यवाही नहीं की गई, तो संगठन आंदोलन का मार्ग अपनाने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने रेखांकित किया कि नागरिकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस समस्या के समाधान में देरी होने पर इसका पूरा दोष प्रशासनिक अधिकारियों पर मढ़ा जाएगा।
