एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2023 का भारत ए और पाकिस्तान शाहीन के बीच का मुकाबला एक ऐसे पल के लिए याद किया जाएगा जिसने खेल के नियमों पर ही सवाल खड़े कर दिए। भले ही पाकिस्तान शाहीन ने आठ विकेट से मैच जीता, लेकिन एक अविश्वसनीय फील्डिंग प्रयास ने सभी को चकित कर दिया, जब बाउंड्री पर एक शानदार कैच प्रयास के बावजूद गेंद को छक्का माना गया।
**क्या था पूरा मामला?**
यह घटना तब हुई जब भारत ए के गेंदबाज सुयश शर्मा 10वें ओवर की पहली गेंद पर पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज माज़ सदाकत का सामना कर रहे थे। सदाकत, जो उस समय 56 रन पर खेल रहे थे, ने गेंद को हवा में उछालकर बाउंड्री पार भेजने की कोशिश की। भारत ए के फील्डर नेहल वढेरा ने बाउंड्री लाइन पर दौड़ लगाई और हवा में कलाबाजारी दिखाते हुए गेंद को सीमा रेखा के अंदर फेंक दिया। ऐसा लग रहा था कि नमन धीर ने गेंद लपक ली है और भारतीय टीम ने विकेट का जश्न मनाना शुरू कर दिया।
**अंपायर का फैसला और एमसीसी का नया कानून**
लेकिन अंपायरों ने तुरंत तीसरे अंपायर से सलाह ली। तीसरे अंपायर, मोर्शेद अली खान, ने फैसला सुनाया कि यह कैच मान्य नहीं है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस प्रयास को छक्का भी नहीं माना गया, बल्कि एक डॉट बॉल करार दिया गया। भारतीय खिलाड़ी इस फैसले से काफी निराश दिखे, जो आधुनिक क्रिकेट के जटिल नियमों का एक उदाहरण था।
यह निर्णय एमसीसी (MCC) के हालिया नियम संशोधन, लॉ 19.5.2, के तहत लिया गया, जो जून 2025 में लागू हुआ। इस नियम के अनुसार, यदि कोई फील्डर बाउंड्री के बाहर हवा में रहते हुए गेंद को छूता है, तो कैच को वैध मानने के लिए उसे बाउंड्री के अंदर ही उतरना होगा। वढेरा का थ्रो तो शानदार था, लेकिन उनका कूदने के बाद का लैंडिंग पॉइंट बाउंड्री के बाहर था। यह नियम विशेष रूप से उन परिस्थितियों के लिए है जहां कई खिलाड़ी गेंद को हवा में छूते हैं और एक-दूसरे को पास करते हैं, ताकि खेल में निष्पक्षता बनी रहे।
**पाकिस्तान की जीत और भारत की बल्लेबाज़ी की नाकामी**
इस विवादास्पद क्षण के बावजूद, पाकिस्तान शाहीन के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। माज़ सदाकत ने इस जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 47 गेंदों पर 79 रनों की आतिशी पारी खेली और अपनी टीम को जीत के द्वार तक पहुंचाया। पाकिस्तान ने 136 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 40 गेंदें शेष रहते जीत हासिल की। इससे पहले, भारत ए की बल्लेबाजी क्रम चरमरा गया था, और वे केवल 136 रन ही बना सके थे। वैभव सूर्यवंशी ने 45 रनों का योगदान दिया था, लेकिन अन्य बल्लेबाज कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए।
