नई दिल्ली: मशहूर फिल्म अभिनेत्री महिमा चौधरी ने ब्रेस्ट कैंसर से अपनी लड़ाई और शुरुआती पहचान की अहमियत पर प्रकाश डाला है। हाल ही में ‘यंग वुमन ब्रेस्ट कैंसर कॉन्फ्रेंस 2025’ में बोलते हुए, महिमा ने अपने 2022 के ब्रेस्ट कैंसर निदान के अनुभव को साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने बिना किसी चेतावनी के इस बीमारी का सामना किया।
एएनआई (ANI) के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, महिमा ने बताया कि जब उनका कैंसर पाया गया तब वे बिल्कुल भी बीमार महसूस नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा, “मेरे कोई लक्षण नहीं थे। मैं विशेष रूप से ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए नहीं गई थी, यह सिर्फ एक वार्षिक स्वास्थ्य जांच थी। मुझे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि मुझे कैंसर है।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शुरुआती चरण में, कैंसर को अक्सर लक्षणों से नहीं पहचाना जा सकता और इसके लिए नियमित चिकित्सा परीक्षण आवश्यक हैं।
अभिनेत्री ने आगे कहा, “कैंसर एक ऐसी चीज है जिसे आप शुरुआत में खुद से नहीं समझ सकते। इसका पता केवल जांचों से ही जल्दी लगाया जा सकता है। इसलिए, यदि आप साल में एक बार अपनी जांच करवाते रहते हैं, तो आप इसे जल्दी पकड़ पाएंगे और अपना इलाज समय पर शुरू कर पाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके निदान के बाद भारत में कैंसर उपचार के परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आए हैं।
महिमा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में, कैंसर के इलाज की लागत में कमी आई है, विशेष रूप से जेनेरिक दवाओं के कारण। इसके अलावा, दवा कंपनियों का समर्थन बढ़ा है और समाज में कैंसर को लेकर जागरूकता का स्तर भी काफी ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा, “जब से मेरा निदान हुआ है, तब से भारत में कैंसर उपचार में जबरदस्त सुधार हुआ है। कई जेनेरिक दवाएं अब काफी सस्ती हैं, फार्मास्युटिकल कंपनियों से बेहतर सहायता मिलती है, और कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता बहुत बढ़ गई है।” उन्होंने अन्य कैंसर पीड़ितों की साहस भरी कहानियों को सुनकर प्राप्त हुई प्रेरणा का भी उल्लेख किया।
गौरतलब है कि महिमा चौधरी को हाल ही में ‘द सिग्नेचर’ नामक फिल्म में देखा गया था।
