राजनीति से संन्यास और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से अलगाव की घोषणा के अगले ही दिन, रोहिणी आचार्य ने पार्टी के भीतर अपने साथ हुए बेहद अपमानजनक व्यवहार का खुलासा किया है। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर विस्तृत जानकारी साझा करते हुए दावा किया कि उन्हें न केवल अपशब्दों का सामना करना पड़ा, बल्कि शारीरिक हिंसा की धमकी भी दी गई।
रोहिणी ने अपने पोस्ट में लिखा, “कल एक बेटी, एक बहन, विवाहित स्त्री और माँ का अपमान किया गया। ज़हरीली गालियाँ दी गईं और मारने के लिए चप्पल उठाई गई। मैंने सच्चाई का दामन नहीं छोड़ा, अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, इसीलिए मुझे ये अपमान झेलना पड़ा।”
उन्होंने आगे बताया कि कैसे उन्हें अपने “माता-पिता और बहनों को रोता हुआ छोड़कर” जाना पड़ा, क्योंकि उन्हें लगा कि उन्हें उनके मायके से जबरन निकाला गया है। उनकी पीड़ा शब्दों में थी: “उन्होंने मुझे मेरे घर से दूर कर दिया… मुझे बेसहारा छोड़ दिया। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि किसी भी बेटी-बहन को मेरे जैसे हालात का सामना न करना पड़े।”
अपने पिता के किडनी प्रत्यारोपण को लेकर लगाए गए आरोपों पर रोहिणी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “कल मुझे श्राप दिया गया कि मैं गंदी हूँ। कहा गया कि मैंने अपने पिता के शरीर में अपनी गंदी किडनी प्रत्यारोपित करवाई, करोड़ों रुपये लिए, टिकट खरीदा और फिर यह गंदी किडनी लगवा दी। मैं शादीशुदा बेटियों और बहनों से कहती हूँ कि अगर मायके में भाई या बेटा है, तो पिता को बचाने की कोशिश न करें। अपने भाई से कहें कि वह अपनी या अपने किसी दोस्त की किडनी का इंतजाम करे।”
गौरतलब है कि शनिवार को रोहिणी ने सबको चौंकाते हुए राजनीति और परिवार, दोनों से दूरी बना ली थी। उन्होंने कहा था, “मैं राजनीति छोड़ रही हूँ और अपने परिवार को भी त्याग रही हूँ… संजय यादव और रमीज़ के कहने पर मैंने यह कदम उठाया है, और इसकी सारी ज़िम्मेदारी मेरी है।”
उनके इस बयान ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में आरजेडी की हार के ठीक बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।
पटना हवाई अड्डे पर मीडिया से मुखातिब होते हुए, रोहिणी ने अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने कहा, “मेरा कोई परिवार नहीं है। इस बारे में आपको तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज़ से पूछना चाहिए। उन्होंने मुझे घर से निकाला है। वे कोई जवाबदेही नहीं लेना चाहते। पूरा देश जानना चाहता है कि पार्टी क्यों हारी। जब आप संजय यादव और रमीज़ का नाम लेते हैं, तो आपको घर से निकाल दिया जाता है, अपमानित किया जाता है, और गालियाँ दी जाती हैं।”
