क्या हम एक ‘बिग क्रंच’ की ओर बढ़ रहे हैं? कई वर्षों से ब्रह्मांड विज्ञानियों का मानना था कि हमारा ब्रह्मांड हमेशा के लिए फैलता रहेगा, अंततः ठंडा होकर एक निर्जन शून्य बन जाएगा। लेकिन कॉर्नेल विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी एस.-एच. हेनरी ताई और उनकी टीम ने एक क्रांतिकारी नया विश्लेषण प्रस्तुत किया है जो इस विचार को पलट देता है। उनके अनुसार, ब्रह्मांड एक धीमी गति से ठंडे होने वाले अंत के बजाय, एक हिंसक ‘बिग क्रंच’ की ओर बढ़ रहा है, और समय सीमा की गणना भी की जा चुकी है।
यह चौंकाने वाला निष्कर्ष डार्क एनर्जी के नए डेटा पर आधारित है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी स्थिति का प्रस्ताव दिया है जहाँ ब्रह्मांड का विस्तार लगभग 10 अरब वर्षों में रुक जाएगा और फिर उलटना शुरू कर देगा। इसके लगभग 9 अरब साल बाद, यानी आज से लगभग 20 अरब साल बाद, यह सब कुछ एक अत्यंत सघन बिंदु में सिकुड़ जाएगा, जिसे ‘बिग क्रंच’ कहा जाता है। इस अंतिम महाविनाश में, पदार्थ, ऊर्जा, स्थान और समय का पूर्ण अंत हो जाएगा।
डार्क एनर्जी: ब्रह्मांड की बदलती शक्ति
इस नई सोच के केंद्र में डार्क एनर्जी है, वह रहस्यमय शक्ति जो ब्रह्मांड के विस्तार को गति दे रही है। पारंपरिक रूप से, इसे एक स्थिर और सकारात्मक शक्ति माना जाता रहा है। लेकिन डार्क एनर्जी सर्वे (DES) और डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) जैसे महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों से प्राप्त नवीनतम आँकड़े इस मान्यता को चुनौती देते हैं।
ये आँकड़े एक आकर्षक संभावना की ओर इशारा करते हैं: क्या डार्क एनर्जी का प्रभाव समय के साथ बदल सकता है? यह संभव है कि ‘कॉस्मोलॉजिकल कांस्टेंट’ (Λ) वास्तव में नकारात्मक हो। जर्नल ऑफ कॉस्मोलॉजी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, यदि डार्क एनर्जी का बल विपरीत दिशा में काम करना शुरू कर दे, तो यह गुरुत्वाकर्षण को हावी होने देगा और ब्रह्मांड के विस्तार को रोककर उसे वापस अंदर की ओर खींचना शुरू कर देगा।
“हम ब्रह्मांड के अंत के बारे में सीख रहे हैं, और संभवतः यह बहुत जल्द होगा,” अध्ययन के लेखक डॉ. यूचेंग क्यू ने कहा।
एक्सियॉन कणों का संभावित प्रभाव
इस ‘बिग क्रंच’ मॉडल में एक महत्वपूर्ण भूमिका ‘अल्ट्रालिट एक्सियॉन’ नामक काल्पनिक कणों की बताई गई है। ये कण डार्क मैटर और डार्क एनर्जी दोनों के निर्माण खंड हो सकते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये एक्सियॉन ब्रह्मांड के विकास के साथ धीरे-धीरे अपनी प्रकृति बदल सकते हैं।
यह परिवर्तन डार्क एनर्जी के प्रभाव को कमजोर कर सकता है और अंततः उसे प्रतिकारक से आकर्षक बल में बदल सकता है। इस प्रक्रिया के अनुमानित चरण इस प्रकार हैं:
* विस्तार 10 अरब वर्षों में रुक जाएगा।
* ब्रह्मांड का संकुचन शुरू होगा और तेजी पकड़ेगा।
* लगभग 20 अरब वर्षों में, एक महाविनाशकारी बिग क्रंच होगा।
यह परिदृश्य, ‘बिग फ्रीज’ के विपरीत है, जो ब्रह्मांड को अनंत काल तक ठंडा और खाली होता हुआ देखता है।
डेटा का समर्थन, लेकिन अनिश्चितताएँ बाकी
हालांकि यह मॉडल अभी भी सैद्धांतिक है, DES और DESI के व्यापक डेटा ने इसे उल्लेखनीय समर्थन दिया है। इन सर्वेक्षणों ने लाखों आकाशगंगाओं के अवलोकन से डार्क एनर्जी के ऐतिहासिक व्यवहार का पता लगाया है, और परिणाम बताते हैं कि ब्रह्मांड का व्यवहार नकारात्मक Λ और एक्सियॉन की उपस्थिति के अनुरूप है।
फिर भी, वैज्ञानिक इस बात पर जोर देते हैं कि कई अनिश्चितताएँ बनी हुई हैं। एक्सियॉन कणों का कभी भी सीधे पता नहीं लगाया गया है, और डार्क एनर्जी का वास्तविक स्वरूप अभी भी एक बड़ा रहस्य है।
भविष्य के मिशन की भूमिका
आने वाले वर्षों में, नासा का SPHEREx, ईएसए का यूक्लिड और वेरा सी. रूबिन वेधशाला जैसे प्रमुख मिशन डार्क एनर्जी के बारे में अधिक सटीक जानकारी प्रदान करेंगे। ये अवलोकन या तो इस ‘बिग क्रंच’ सिद्धांत को साबित कर सकते हैं या फिर ब्रह्मांड के अंत पर हमारी समझ को पूरी तरह से बदल सकते हैं।
क्या ब्रह्मांड एक अंत की ओर बढ़ रहा है?
यह विचार कि “सब कुछ मिट जाएगा” अब केवल विज्ञान कथा नहीं है, बल्कि खगोलभौतिकी की गणनाओं का हिस्सा बन गया है। यदि डार्क एनर्जी का बल बदल रहा है, तो ब्रह्मांड का विस्तार अनिश्चित काल तक जारी नहीं रहेगा।
वर्तमान में, ब्रह्मांड का विस्तार जारी है, लेकिन नया डेटा बताता है कि यह धीमा हो रहा है। यह संकेत हो सकता है कि एक महाविनाश की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, या यह डार्क एनर्जी के व्यवहार का एक मात्र अप्रत्याशित पहलू हो सकता है। जो भी हो, ब्रह्मांड के अंतिम भाग्य पर बहस अब केवल अटकलों तक सीमित नहीं है, बल्कि ठोस वैज्ञानिक गणनाओं पर आधारित है।
