रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), आईपीएल 2026 की प्रबल दावेदार, एक ऐसे निर्णय के कारण भारी आलोचना झेल रही है जिसने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। टीम प्रबंधन ने युवा तेज गेंदबाज यश दयाल को आगामी सीजन के लिए टीम में बनाए रखने का फैसला किया है, भले ही उन पर पॉक्सो (POCSO) कानून के तहत गंभीर आरोप सहित दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस फैसले ने सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के बीच व्यापक नाराजगी पैदा कर दी है।
**गंभीर आरोप और कानूनी पचड़े**
यश दयाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में एक बेहद संवेदनशील मामला शामिल है। उन पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है, जिसकी FIR गाजियाबाद में दर्ज हुई है। इसके अलावा, जयपुर में एक नाबालिग ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराया है, जिसमें आरोप है कि यह शोषण लगभग दो वर्षों तक चला, जब लड़की की उम्र 17 साल थी।
कानूनी मोर्चे पर, राजस्थान हाई कोर्ट ने नाबालिग से जुड़े मामले में यश दयाल की अग्रिम जमानत याचिका को ठुकरा दिया है, जिससे मामले की गंभीरता स्पष्ट होती है। वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें गाजियाबाद मामले में कुछ राहत प्रदान की है। इन न्यायिक विकासों के बीच, आरसीबी का उन्हें रिटेन करने का निर्णय कई लोगों को चौंकाने वाला और अस्वीकार्य लग रहा है।
**नैतिकता बनाम खेल भावना: फैंस के सवाल**
सोशल मीडिया पर कई क्रिकेट प्रशंसकों ने आरसीबी के इस कदम को ‘असंवेदनशील’ और ‘अनैतिक’ बताया है। ट्विटर और अन्य प्लेटफार्मों पर, फैंस यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या फ्रेंचाइजी ने खेल की गरिमा और सामाजिक जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया है। ‘डिस्पॉइंटिंग’, ‘अनएक्सेप्टेबल’ और ‘गेम स्पिरिट के खिलाफ’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
चिंताएं इस बात पर केंद्रित हैं कि यह निर्णय क्रिकेट को युवाओं और समाज के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक खेल के रूप में स्थापित करने के प्रयासों को कैसे प्रभावित कर सकता है। कई लोग फ्रेंचाइजी से पूछ रहे हैं कि क्या उन्होंने खिलाड़ी के खिलाफ चल रहे मामलों की गंभीरता को समझने के लिए पर्याप्त होमवर्क किया था।
**UPCA का प्रतिबंध भी एक मुद्दा**
यह भी सामने आया है कि यश दयाल को पहले ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) द्वारा UPT20 लीग से निलंबित किया जा चुका है। यह निलंबन उन्हीं आरोपों के कारण हुआ था, जिसके चलते वह गोरखपुर लायंस टीम का हिस्सा नहीं बन पाए थे।
अब यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि एक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के बावजूद, आरसीबी ने उन्हें अपनी आईपीएल टीम में क्यों शामिल किया। आईपीएल 2026 नीलामी से पहले, यह विवाद आरसीबी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है, और टीम पर अपने इस विवादास्पद फैसले को लेकर स्पष्टीकरण देने का दबाव बढ़ गया है।
