केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक ऐसे मामले पर फैसला सुनाया है, जो आम लोगों के बीच भ्रम पैदा करने वाले एक कानूनी अंतर को उजागर करता है: घर के बगीचे में कैनाबिस (भांग) के पौधे उगाना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है, जबकि भांग का सेवन और खरीद कई भारतीय राज्यों में वैध है। दरअसल, एक व्यक्ति ने अपने घर की छत पर कैनाबिस के पांच पौधे लगाए थे और पकड़े जाने पर यह तर्क दिया कि पौधे अभी तक फूल नहीं रहे थे, जिसे कानून ‘गांजा’ मानता है।
**NDPS अधिनियम का स्पष्टीकरण**
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम, 1985, स्पष्ट रूप से कैनाबिस के पौधे को उगाने पर रोक लगाता है, चाहे वह किसी भी विकास अवस्था में हो। न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि केवल फूलने वाले पौधे ही अवैध हैं। अधिनियम पौधे और उसके उत्पादों के बीच अंतर करता है। ‘गांजा’ का अर्थ है पौधे के फूल या फल देने वाले शीर्ष, और ‘चरस’ इसका रेज़िन है। कानून के अनुसार, कैनाबिस की पत्तियां और बीज ‘नारकोटिक कैनाबिस’ की परिभाषा में नहीं आते हैं।
**भांग: एक कानूनी उत्पाद**
इसी कानूनी खामी के चलते भांग, जो कैनाबिस की पत्तियों से बनाई जाती है, कुछ राज्यों में कानूनी है। यह विशेष रूप से होली और महाशिवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान लोकप्रिय है। हालांकि, भांग की बिक्री और उत्पादन पर राज्यों का नियंत्रण होता है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लाइसेंस प्राप्त विक्रेता भांग बेच सकते हैं, वहीं असम जैसे राज्यों में इस पर पूर्ण प्रतिबंध है।
**पौधे उगाने पर क्यों लगती है पाबंदी?**
पत्तियों को भले ही कानून में गांजा न माना जाए, पर कैनाबिस का पौधा उगाना बिना सरकारी मंजूरी के अपराध है। इसका उपयोग केवल चिकित्सा, वैज्ञानिक या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ही अनुमत है। अदालतों ने यह साफ कर दिया है कि पौधे की खेती, चाहे वह गमलों में हो या जमीन पर, NDPS अधिनियम के तहत दंडनीय है। यह महत्वपूर्ण है कि अपराध पौधे उगाने की क्रिया में ही है, न कि उसके किसी विशेष भाग से।
**NDPS अधिनियम के तहत दंड**
कैनाबिस से जुड़े अपराधों की सजा मामले में शामिल मात्रा पर निर्भर करती है। 1 किलो गांजा या 100 ग्राम चरस जैसी छोटी मात्रा के लिए, एक साल तक की जेल, 10,000 रुपये जुर्माना, या दोनों सज़ा हो सकती है। वहीं, 20 किलो गांजा या 1 किलो चरस से अधिक (व्यावसायिक मात्रा) पाए जाने पर 10 से 20 साल की सज़ा और 1 से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। पौधे उगाने के अपराध में 10 साल तक की कड़ी जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
**विशेष अनुमतियाँ**
NDPS अधिनियम के तहत, सरकार औद्योगिक या औषधीय उद्देश्यों के लिए कैनाबिस की खेती के लिए लाइसेंस दे सकती है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य औद्योगिक हेम्प की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसमें THC की मात्रा बहुत कम होती है। वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए परिषदें भी सरकारी अनुमति से कैनाबिस उगा सकती हैं।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि इन अपवादों के बावजूद, अपने घर पर कैनाबिस उगाना अवैध है। भले ही आप उन राज्यों में रहते हों जहाँ भांग कानूनी है, पौधे उगाना आपको गंभीर कानूनी समस्याओं में डाल सकता है।
