बुधवार को दिल्ली की हवा लगातार दूसरे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही, जिसका AQI 418 दर्ज किया गया। यह स्थिति शहर को देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में सबसे ऊपर रखती है, जहां जिंद (हरियाणा) भी इसी श्रेणी में है। मंगलवार के मुकाबले AQI में मामूली गिरावट आई है, जो 428 था।
बिगड़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज III के तहत कड़े कदम उठाए हैं। यह तब सक्रिय होता है जब वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच जाती है, जैसा कि मंगलवार को हुआ था।
**प्रदूषण का मुख्य कारण: पराली का बढ़ता धुआं**
हवा की गुणवत्ता के इस खतरनाक स्तर तक पहुंचने में पराली के खेतों से उठने वाले धुएं का सबसे बड़ा हाथ रहा।
**मौजूदा स्थिति:** बुधवार को, दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 22.5% तक पहुंच गया, जो इस मौसम में सबसे अधिक है। यह स्थानीय प्रदूषण कारकों जैसे वाहनों से निकलने वाले धुएं से भी काफी अधिक था।
**लगातार वृद्धि:** सोमवार को पराली जलाने का योगदान 13.7% था, जो मंगलवार को बढ़कर 15.5% हो गया और बुधवार को 22.5% पर पहुंच गया।
**मौसम बना खलनायक**
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषकों का फैलना मुश्किल हो रहा है क्योंकि दिल्ली के भीतर उत्सर्जन अधिक है और मौसम की परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं।
**शांत हवा और कम तापमान:** हवा की गति कम होने, तापमान गिरने और वायुमंडल की निचली परत के कम ऊंचाई पर होने के कारण जहरीला धुआं जमीन के करीब ही फंस गया है।
**NCR में भी खराब हाल:** राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में भी हालात चिंताजनक हैं। नोएडा का AQI 408 और रोहतक का 406 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं।
**प्रदूषण के हॉटस्पॉट और भविष्य का अनुमान**
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समीर ऐप के अनुसार, दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 32 पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई।
**सर्वाधिक प्रदूषित इलाके:** वज़ीरपुर, चांदनी चौक और बवाना सबसे अधिक प्रदूषित पाए गए, जहाँ AQI 450 से ऊपर था, जो ‘Severe-Plus’ श्रेणी में आता है।
**आगामी दिनों का पूर्वानुमान:** वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) का अनुमान है कि गुरुवार से शनिवार तक दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना रहेगा। इससे फिलहाल गंभीर स्थिति से मामूली राहत की उम्मीद है।
