दिल्ली में हुए कार धमाके के पीछे इस्तेमाल हुई Hyundai i20 कार के मालिकाना हक में 11 सालों में पांच बार बदलाव हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि आखिरी बार इस कार को पुलवामा के पते वाले पहचान पत्र का इस्तेमाल करके खरीदा गया था। आरोपियों ने OLX के जरिए 1.70 लाख रुपये में यह कार खरीदी, प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र रिन्यू कराया और मालिकाना हक ट्रांसफर होने से पहले ही इसे धमाके में इस्तेमाल कर लिया।
जांच एजेंसियों ने इस कार (रजिस्ट्रेशन नंबर HR26CE7476) के मालिकी के इतिहास की पड़ताल की है, जिसमें पता चला है कि पिछले 11 सालों में यह पांच अलग-अलग व्यक्तियों के हाथों बिकी। आखिरकार, यह कार अल फलाह मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले के आरोपियों तक पहुंची। 18 मार्च 2014 को इस कार की पहली खरीद गुरुग्राम के एक शोरूम से नदीम ने की थी।
**कई मालिकों से गुजरी कार**
तीन साल बाद, 2017 में, नदीम ने कार को गुरुग्राम के शांति नगर निवासी सलमान को बेच दिया। सलमान ने कार को अपने नाम पर रजिस्टर्ड करवाया। मार्च 2024 में, सलमान ने कार डीलरशिप के एक्सचेंज ऑफर के तहत देवेंद्र, जो दिल्ली के ओखला का निवासी है, को बेच दी। हालांकि, इस ट्रांसफर को देवेंद्र के नाम पर आधिकारिक तौर पर पूरा नहीं किया गया था। बाद में, देवेंद्र ने इसी कार को एक और एक्सचेंज डील में फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित रॉयल कार जोन के मालिक, अमित पटेल को बेच दिया।
**पुलवामा के पते का इस्तेमाल**
अमित पटेल के मुताबिक, उन्होंने कार को OLX पर डाला था। 29 अक्टूबर 2025 को आमिर Rashid और एक अन्य व्यक्ति कार देखने आए और तुरंत खरीदने का फैसला किया। इस सौदे को सोनू नामक कर्मचारी ने 10,000 रुपये के कमीशन पर फाइनल करवाया। आमिर ने अपनी आधार और पैन कार्ड पेश किए, जिन पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का पता दर्ज था। कार 1.70 लाख रुपये में बिकी और उसी दिन शाम को सौंप दी गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज से जुड़े डॉ. उमर नबी ने आमिर के जरिए कार खरीदने के लिए पैसों की व्यवस्था की थी।
**IED योजना का क्रियान्वयन**
कार खरीदने के बाद, आमिर ने इसे उमर को सौंप दिया। कार का बीमा तो मान्य था, लेकिन प्रदूषण प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त हो चुकी थी। उन्होंने पास के एक पेट्रोल पंप पर प्रमाण पत्र को रिन्यू करवाया और फिर रवाना हो गए। ब्लास्ट होने से पहले कार के मालिकाना हक का ट्रांसफर पूरा होना था, जो अभी भी सलमान के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। कुछ संदिग्ध अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्लंबर के तौर पर काम कर चुके हैं।
गौरतलब है कि सोमवार शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक Hyundai i20 कार में हुए जोरदार धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज़्यादा घायल हुए थे। धमाके से लगी आग ने कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया था। यह घटना मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस कार ब्लास्ट को ‘आतंकवादी घटना’ बताया है और घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जांच में पूरी तत्परता से दोषियों को सजा दिलाने का निर्देश दिया है।
