खूंटी जिले में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट के कारण सुबह और रात के समय कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। लोग जल्दी ही अपने घरों में लौट रहे हैं, क्योंकि बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। चिंताजनक बात यह है कि जिला प्रशासन की ओर से ठंड से बचाव के लिए कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। कंबल वितरण और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव लोगों को सता रहा है।
गरीब और बेसहारा लोग, जो अक्सर सड़कों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर रात बिताते हैं, इस कड़ाके की ठंड में सबसे अधिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल अलाव की व्यवस्था में देरी हो रही है, जिससे खासकर मजदूर वर्ग की परेशानी बढ़ गई है। यह प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है कि लोग ठंड से कांपने को मजबूर हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणियों के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई तैयारी नजर नहीं आती।
खूंटी के निवासी जिला प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि वे जल्द से जल्द सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करें और जरूरतमंदों के लिए कंबल वितरण का अभियान शुरू करें। सामाजिक कार्यकर्ता भी आगे आए हैं और उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि ठंड से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाएं ताकि किसी भी नागरिक को इन मुश्किल परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।
इस मामले पर तोरपा के प्रखंड विकास पदाधिकारी नवीन चन्द्र झा ने स्वीकार किया कि कंबलों की आपूर्ति अभी तक प्रखंडों तक नहीं पहुंची है। वहीं, तोरपा अंचलाधिकारी पूजा बिनहा ने कहा कि अलाव जलाने के संबंध में जिला प्रशासन से कोई निर्देश नहीं मिला है।
