दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम को एक कार में हुए भीषण धमाके ने पूरे शहर को दहला दिया। इस आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह विस्फोट लाल किले के पास नेताजी सुभाष मार्ग पर हुआ, जहां शाम के समय काफी भीड़ रहती है। धमाके के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। घटना का एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें कार में विस्फोट होने का ठीक क्षण कैद हुआ है।
केंद्रीय कैबिनेट ने इस घटना को ‘आतंकी हमला’ बताया है और कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम रहेगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मामले पर गहन चर्चा हुई और जांच एजेंसियों को जल्द से जल्द दोषियों का पता लगाने के निर्देश दिए गए। कैबिनेट ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का रुख अडिग है और किसी भी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इस हमले के पीछे फरीदाबाद में पकड़े गए एक आतंकी मॉड्यूल का हाथ हो सकता है, जिसके संबंध जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अल-फलाह विश्वविद्यालय से बताए जा रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि एजेंसियों द्वारा की गई ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों के बाद घबराहट में यह हमला किया गया। शक है कि पुलवामा का एक डॉक्टर, डॉ. उमर नबी, जिसने अल-फलाह अस्पताल में काम किया है, ने हमले में इस्तेमाल की गई कार को चलाया था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस ऑपरेशन से बड़े आतंकी खतरे को टाला गया है। इस गंभीर मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।
