जम्मू और कश्मीर पुलिस ने एक बड़े कदम में, पूर्व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) के अध्यक्ष एडवोकेट मियाँ अब्दुल कय्यूम की श्रीनगर स्थित संपत्ति को एक पुराने आतंकवाद से जुड़े मामले में ज़ब्त करने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई 2009 में आयोजित एक भारत-विरोधी सेमिनार से संबंधित है।
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस बात की पुष्टि करते हुए लिखा, “डीजीपी नलिन प्रभात ने पाकिस्तानी एजेंट और आतंकवादी, मियाँ कय्यूम की संपत्ति को ज़ब्त करने का आदेश दिया है।”
अधिकारियों ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराओं के तहत, मियाँ कय्यूम की बुलरबाग, बरज़ुल्ला में स्थित दो-मंजिला रिहायशी इमारत और उससे जुड़ी 2 कनाल, 1 मरला, 90 वर्ग फुट ज़मीन, जिसका मालिकाना हक़ म्यूटेशन नंबर 338 के तहत उन्हीं के नाम है, को ज़ब्त करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया कि 31 दिसंबर 2009 को होटल जहांगीर, श्रीनगर में मुस्लिम लीग के उपाध्यक्ष फ़िरोज़ अहमद खान के नेतृत्व में अलगाववादी नेताओं ने स्वर्गीय अली मोहम्मद जिन्ना की पुण्यतिथि पर एक सेमिनार का आयोजन किया था। इस सेमिनार में आसिया अंद्राबी, शब्बीर अहमद नजार और मियाँ अब्दुल कय्यूम जैसे प्रमुख लोगों के शामिल होने और वहां जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने व इस्लामी शासन की स्थापना के पक्ष में नारे लगने व भाषण दिए जाने की सूचना मिली थी।
तलाशी के दौरान, मियाँ कय्यूम के आवास से कई अहम सबूत मिले, जिनमें प्रतिबंधित साहित्य, हिजबुल मुजाहिदीन का मुहर लगा खाली लेटरहेड, एक प्रेस नोट और सैयद सलाहुद्दीन का पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के नाम एक पत्र शामिल था। इन सबूतों के आधार पर, संपत्ति को UAPA की धारा 2 (जी) के तहत “आतंकवाद की कमाई” घोषित किया गया और धारा 25 के तहत इसकी कुर्की को मंजूरी दी गई।
डीजीपी नलिन प्रभात की ओर से जारी इस आदेश को तत्काल लागू करने के लिए एसडीएम शाheed गंज को निर्देशित किया गया है। साथ ही, एडीजी सीआईडी, आईजी कश्मीर जोन, एसएसपी श्रीनगर और एआईजी सीटी/इंट को भी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित किया गया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि मियाँ कय्यूम को 2020 में वकील बाबर कादरी की हत्या के मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। 24 सितंबर 2020 को श्रीनगर स्थित उनके आवास पर दो हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
