राजधानी दिल्ली में मंगलवार को इस मौसम का पहला ‘गंभीर’ वायु प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 अंक को पार कर गया। इस जहरीली हवा के कारण लोगों को सांस संबंधी समस्याएं और आँखों में जलन का अनुभव हो रहा है। प्रदूषण के इस अचानक इजाफे ने अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है, जिसके चलते पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सख्त वायु प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू कर दिए गए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, शाम 4 बजे शहर का 24 घंटे का औसत AQI 428 था। यह पिछले वर्ष 19 दिसंबर के बाद AQI का उच्चतम स्तर है, जब यह 451 दर्ज किया गया था।
**GRAP स्टेज III के तहत आपातकालीन उपाय**
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज III के तहत कठोर प्रतिबंधों को लागू करने का निर्णय लिया है। इन उपायों का मुख्य उद्देश्य उत्सर्जन को नियंत्रित कर वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकना है। GRAP स्टेज III के तहत लागू किए गए प्रमुख प्रतिबंध इस प्रकार हैं:
* **निर्माण और विध्वंस पर पाबंदी:** दिल्ली-एनसीआर में सभी प्रकार की गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस (C&D) गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
* **वाहनों के संचालन पर नियंत्रण:** दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर जैसे पड़ोसी NCR जिलों में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार-पहिया वाहनों के चलने पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं।
* **बच्चों के लिए शैक्षिक उपाय:** दिल्ली के स्कूलों को कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड या ऑनलाइन शिक्षण मोड पर स्विच करने का निर्देश दिया गया है, ताकि वे खतरनाक हवा के सीधे संपर्क में न आएं।
**प्रतिकूल मौसम बना वजह**
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में आई इस अचानक गिरावट का मुख्य कारण प्रतिकूल मौसम संबंधी कारक हैं, जो प्रदूषित कणों को वायुमंडल की निचली परतों में फंसा रहे हैं। कम तापमान और धीमी गति वाली हवाओं ने वायुमंडलीय व्युत्क्रमण (atmospheric inversion) को जन्म दिया है, जिससे प्रदूषक जमीन के करीब जमा हो गए हैं। इस जहरीली धुंध ने दृश्यता को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, सुबह के समय सफदरजंग में यह 600 मीटर तक गिर गई।
**आगामी दिनों में सुधार की उम्मीद**
मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में हवा की गति में थोड़ी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हो सकता है। सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल इम्पैक्ट एंड एनालिसिस (CEIA) के अनुसार, बुधवार को हवा की गति में हल्का इजाफा AQI को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में वापस ला सकता है। यह भविष्यवाणी की गई है कि वायु गुणवत्ता संभवतः शुक्रवार तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी, जबकि न्यूनतम तापमान 10-12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायु गुणवत्ता संकट, जो स्थानीय उत्सर्जन, उद्योगों और पराली जलाने जैसे कारकों से उत्पन्न हुआ है, GRAP के सभी चरणों के प्रभावी और आपातकालीन कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल देता है।
