देश भर के 6 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। सुबह 7 बजे शुरू हुई मतदान प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चली, जिसमें कुल 58 उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे थे। यह उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जिनके परिणाम आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।
जम्मू और कश्मीर के बुदगाम और नागोटा, राजस्थान के अंता, झारखंड के घाटशिला, तेलंगाना के जुबली हिल्स, पंजाब के तरनतारन, मिजोरम के डंपा और ओडिशा के नुआपाड़ा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुल 4.01 लाख से अधिक मतदाता इन 8 सीटों पर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर रहे थे।
तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट पर, बीआरएस उम्मीदवार मगंती सुनीता ने अपने परिवार के साथ मतदान किया। इस सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस, भाजपा और बीआरएस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें 226 मतदान केंद्रों को “अतिसंवेदनशील” घोषित किया गया था और कुल 407 मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
ओडिशा के नुआपाड़ा में, 14 उम्मीदवार मैदान में थे। यह सीट बीजेडी विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के कारण खाली हुई थी। भाजपा ने दिवंगत विधायक के बेटे को अपना उम्मीदवार बनाया था, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया था।
झारखंड के घाटशिला में, 13 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे, और 2.56 लाख से अधिक मतदाता मतदान करने के योग्य थे। इस सीट पर मुख्य मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच रहा।
मिजोरम की डंपा सीट पर, जो बांग्लादेश और त्रिपुरा की सीमा से लगती है, 41 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। यहां मुख्य विपक्षी एमएनएफ और सत्तारूढ़ जेडपीएम के बीच कड़ा संघर्ष देखा गया।
पंजाब की तरनतारन सीट पर, आम आदमी पार्टी के विधायक के निधन के बाद उपचुनाव हुआ। इस हाई-प्रोफाइल मुकाबले में 15 उम्मीदवार मैदान में थे। आप ने इस सीट को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।
राजस्थान की अंता सीट पर, भाजपा विधायक की अयोग्यता के बाद चुनाव हुए। कुल 15 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें कांग्रेस और भाजपा के प्रमुख उम्मीदवार शामिल थे। चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को होगी।
