केरल में वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के दौरान स्कूली बच्चों द्वारा RSS के ‘गण गान’ के गायन ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना को संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का उल्लंघन मानते हुए राज्य सरकार ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। यह मामला तब सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इस नई ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया।
रेल मंत्रालय का सोशल मीडिया पोस्ट और विवाद
शुरुआत में, दक्षिणी रेलवे ने इस प्रदर्शन का एक वीडियो अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया था। हालाँकि, आलोचनाओं का सामना करने के बाद, वीडियो को हटा दिया गया। बाद में, गीत के बोलों के अंग्रेजी अनुवाद के साथ इस वीडियो को फिर से अपलोड किया गया, जिसने विवाद को और हवा दी।
स्कूल प्रधानाचार्य का पक्ष
एर्नाकुलम के एलमक्कारा स्थित सरस्वती विद्यानिकेतन पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य डिंटो केपी ने छात्रों के कृत्य का समर्थन किया। उनका कहना है कि गाया गया गीत देशभक्तिपूर्ण था और दक्षिणी रेलवे के किसी भी निर्देश पर नहीं गाया गया था। “यह एक देशभक्तिपूर्ण मलयालम गीत है, और बच्चों ने इसे स्वयं अपनी मर्जी से गाया। हमें यह समझ नहीं आता कि शिक्षा मंत्री इस मामले की जांच क्यों करवा रहे हैं,” प्रधानाचार्य ने कहा। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि सोशल मीडिया पर उनके छात्रों को “संघी बच्चे” कहकर अपमानित किया जा रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया और जांच
केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे “संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन” करार देते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री के बयान में कहा गया है, “सरकारी आयोजनों में बच्चों का उपयोग किसी भी समूह के सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए करना हमारे संविधान के विरुद्ध है।” उन्होंने लोक शिक्षा निदेशक (DPI) को इस मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है, साथ ही राज्य सरकार के धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
मुख्यमंत्री ने भी की निंदा
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी RSS गीत को सरकारी कार्यक्रम में शामिल करने को “संवैधानिक सिद्धांतों का घोर उल्लंघन” बताया है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “एक ऐसे संगठन का गान, जो सांप्रदायिक विचारधारा और नफरत फैलाने के लिए जाना जाता है, उसे आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल करना संवैधानिक सिद्धांतों का खुला उल्लंघन है।” विजयन ने रेलवे पर “संघ परिवार की राजनीति” के प्रभाव का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे प्रयासों का मुकाबला करने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट होना होगा।
भाजपा का रुख
विवाद के बीच, भाजपा ने छात्रों के कृत्य का बचाव किया है। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने इसे देशभक्ति का एक स्वाभाविक प्रदर्शन बताया। उन्होंने कहा, “बच्चों को वह गीत गाने का मन हुआ और उन्होंने गाया। यह कोई चरमपंथी गीत नहीं है।” इसी तरह, केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने सवाल उठाया कि ‘गण गान’ में सांप्रदायिक क्या है, और कहा कि जो लोग भारत विरोधी बातें करते हैं, उन्हें यह पसंद नहीं आएगा, लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
विचारधारा का टकराव
यह घटना केरल की राजनीति में चल रहे वैचारिक मतभेदों को फिर से उजागर करती है। जहां राज्य सरकार इसे धर्मनिरपेक्षता पर हमला मान रही है, वहीं भाजपा इसे देशभक्तिपूर्ण कार्य बता रही है। जांच के नतीजे आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है, लेकिन यह विवाद सार्वजनिक स्थानों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक विचारधारा और राष्ट्रीय मूल्यों के बीच के तनाव को दर्शाता है।
