अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में चीन ने एक और शानदार उपलब्धि दर्ज की है। देश के तियानवेन-1 ऑर्बिटर ने हाल ही में मंगल ग्रह के करीब से गुजरने वाले एक अत्यंत दुर्लभ इंटरस्टेलर धूमकेतु, 3I/ATLAS, की मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरें ली हैं। चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) द्वारा साझा की गई ये छवियां, जो 1 से 4 अक्टूबर के बीच ली गईं, ब्रह्मांडीय रहस्यों को उजागर करती हैं और वैज्ञानिकों को हमारे सौर मंडल के बाहर की दुनिया के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करती हैं।
**अंतरतारकीय खगोलीय पिंड: एक दुर्लभ घटना**
3I/ATLAS जैसे इंटरस्टेलर धूमकेतु सदियों में शायद ही कभी दिखाई देते हैं, जो उन्हें वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का एक अनमोल अवसर बनाते हैं। ये खगोलीय पिंड हमारे सौर मंडल के बाहर, तारों के बीच के विशाल शून्य से आते हैं। इस धूमकेतु से पहले, केवल दो अन्य इंटरस्टेलर आगंतुकों की पुष्टि हुई थी: 2017 में ‘ओउमुआमुआ’ और 2019 में 2I/Borisov। इन दोनों ने ही ब्रह्मांड की हमारी समझ को अभूतपूर्व रूप से विस्तृत किया था।
**तियानवेन-1 ने कैसे संभव बनाया यह अवलोकन**
इस बार, 3I/ATLAS के पास से गुजरने की घटना ने दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियों को उत्साहित किया। नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने भी अपने अंतरिक्ष यानों को इस धूमकेतु पर नज़र रखने के लिए तैनात किया। चीन के तियानवेन-1 ने भी इस वैश्विक प्रयास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके हाई-रेजोल्यूशन इमेजिंग कैमरा (HiRIC) को, जो आमतौर पर मंगल ग्रह के भूभाग का अध्ययन करने के लिए उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से इस तेजी से यात्रा कर रहे धूमकेतु की ओर लक्षित किया गया।
**धूमकेतु को ट्रैक करने की चुनौती**
अंतरिक्ष में लगभग 58 किलोमीटर प्रति सेकंड (लगभग 130,000 मील प्रति घंटे) की विस्फोटक गति से यात्रा कर रहे 5.6 किलोमीटर चौड़े धूमकेतु 3I/ATLAS को ट्रैक करना एक असाधारण तकनीकी चुनौती थी। तियानवेन-1 की टीम ने अत्यंत सटीकता से ऑर्बिटर के ट्रैकिंग सिस्टम को समायोजित किया, ताकि इस दूरस्थ और तेज गति वाली वस्तु पर लगातार नज़र रखी जा सके। यह कार्य ऑर्बिटर की अपनी निर्धारित सीमाओं से परे जाकर किया गया।
CNSA ने बताया कि प्राप्त छवियों से धूमकेतु के ठोस नाभिक के साथ-साथ उसके चारों ओर गैस और धूल से बनी कई हजार किलोमीटर चौड़ी कोमा का भी पता चला। इस सफल अवलोकन ने न केवल तियानवेन-1 की उन्नत क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी साबित किया कि यह ऑर्बिटर भविष्य के जटिल मिशनों के लिए भी अनुकूलित हो सकता है।
**भविष्य के मिशनों के लिए मील का पत्थर**
CNSA के अनुसार, यह ऑपरेशन एक महत्वपूर्ण तकनीकी अभ्यास था, जिसने तियानवेन-1 के मिशन को केवल मंगल ग्रह तक सीमित न रखकर, इंटरस्टेलर वस्तुओं की पहचान और अवलोकन तक विस्तारित कर दिया। इस अनुभव से प्राप्त ज्ञान का उपयोग आगामी तियानवेन-2 मिशन (मई 2025 में लॉन्च) में किया जाएगा, जिसका लक्ष्य एक निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रह से नमूने लाना है।
**तियानवेन-1 का अंतरिक्ष में योगदान**
2020 में लॉन्च किए गए तियानवेन-1 ने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करके ख्याति प्राप्त की थी। इसके रोवर, जूरोंग, ने मंगल की सतह पर उतरने वाला पहला चीनी रोवर बनकर इतिहास रचा और लगभग एक वर्ष तक यूटोपिया प्लैनिटिया क्षेत्र का अन्वेषण किया। भले ही जूरोंग अब सक्रिय नहीं है, तियानवेन-1 ऑर्बिटर आज भी पृथ्वी पर महत्वपूर्ण डेटा भेज रहा है।
3I/ATLAS की इन नई तस्वीरों के साथ, तियानवेन-1 ने चीन के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक और शानदार मिसाल कायम की है। यह हर तस्वीर अंतरतारकीय यात्रा के रहस्यों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह दर्शाता है कि हमारे सौर मंडल से परे की खोज अब केवल कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बन चुकी है।
