नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता शशि थरूर द्वारा पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की प्रशंसा को लेकर की गई टिप्पणियों से तत्काल और पूरी तरह से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ये थरूर के व्यक्तिगत विचार हैं। कांग्रेस मीडिया और प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर जारी एक बयान में कहा, “डॉ. शशि थरूर हमेशा की तरह अपने विचार रख रहे हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उनके हालिया बयान से पूरी तरह असहमति जताती है।” उन्होंने यह भी कहा कि एक कांग्रेस सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य के रूप में उनका यह व्यवहार पार्टी की ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उदारता’ को दर्शाता है, जो कांग्रेस की एक खास पहचान है।
बता दें कि आडवाणी के 98वें जन्मदिन के अवसर पर, थरूर ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए उनकी सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि आडवाणी ने आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। इस पर वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने आडवाणी की आलोचना करते हुए उनकी रथ यात्रा और राम जन्मभूमि आंदोलन का जिक्र किया था। थरूर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि आडवाणी जैसे नेता के लंबे कार्यकाल को सिर्फ एक घटना, चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण हो, से नहीं मापा जा सकता। उन्होंने कहा कि नेहरू या इंदिरा गांधी के कार्यकाल का मूल्यांकन भी केवल एक घटना से नहीं किया जा सकता, ऐसे में आडवाणी को भी वही तार्किक नजरिया मिलना चाहिए।
यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने ऐसे बयान दिए हैं जिन पर कांग्रेस को सफाई देनी पड़ी हो। हाल ही में, उन्होंने वंशवादी राजनीति पर भी बयान दिया था, जिसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। थरूर ने कहा था कि वंशवादी राजनीति भारत के लोकतंत्र के लिए एक ‘गंभीर खतरा’ है, और देश ने “योग्यता के बदले वंशवाद” चुना है। हालांकि, थरूर ने बाद में यह भी स्पष्ट किया था कि यह समस्या केवल कुछ परिवारों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय शासन प्रणाली में गहराई से समाई हुई है।
