प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर से शुरू होने वाली अपनी दो दिवसीय भूटान यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह यात्रा दोनों राष्ट्रों के बीच विशेष मित्रता और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है। इस दौरे में दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण बैठकें होंगी, जो आपसी संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी का भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ संवाद का कार्यक्रम है। वे संयुक्त रूप से विकसित की गई 1,020 मेगावाट की पुनात्संगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जो भारत-भूटान सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री भूटान के चौथे राजा, जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती समारोह में शामिल होंगे और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
यह दौरा भारत से लाए जा रहे भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों के प्रदर्शन के साथ जुड़ रहा है। प्रधानमंत्री थिम्फू स्थित ताशिछोड्ज़ोंग में इन पवित्र अवशेषों पर प्रार्थना करेंगे और भूटान सरकार द्वारा आयोजित होने वाले ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भी हिस्सा लेंगे।
भारत और भूटान के बीच का रिश्ता विश्वास, सद्भावना और आपसी सम्मान पर आधारित एक बेजोड़ साझेदारी है। दोनों देशों के बीच गहरी आध्यात्मिक जड़ें और मजबूत जन-संपर्क इस अनोखे बंधन को और मजबूत करते हैं।
इस यात्रा से दोनों देशों को अपनी साझेदारी को और बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा करने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का एक शानदार अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से नामक दो नई रेलवे लाइनों पर भी प्रगति की समीक्षा करेंगे। ये लाइनें भारत और भूटान के बीच कनेक्टिविटी को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाएंगी, जिससे व्यापार और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
