पंजाब में आगामी विधानसभा उपचुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए तरन तारन की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. रविजोत कौर ग्रेवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आयोग ने यह कार्रवाई उपचुनावों में कथित तौर पर ‘हस्तक्षेप’ करने के आरोप में की है। इस निलंबन के साथ ही, अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर को तरन तारन SSP के पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह कदम तब उठाया गया जब शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने SSP ग्रेवाल के खिलाफ एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। SAD ने आरोप लगाया कि ग्रेवाल ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के इशारे पर काम करते हुए पुलिस तंत्र का इस्तेमाल पार्टी के नेताओं के खिलाफ मनगढ़ंत FIR दर्ज कराने के लिए किया। SAD का दावा है कि इसका मकसद 11 नवंबर को होने वाले उपचुनावों में उनके प्रचार अभियान को बाधित करना था।
**SAD का आरोप और AAP पर निशाना:**
SAD के मुख्य प्रवक्ता अर्शदीप सिंह खलेर ने अपनी शिकायत में कहा कि यह “एक सोची-समझी साजिश” थी जिसके तहत विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस का दुरुपयोग करके विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा है, ताकि वे चुनाव प्रचार में हिस्सा न ले सकें। खलेर ने AAP सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
**सुखबीर बादल ने किया था विरोध प्रदर्शन:**
यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब SAD के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पहले ही इस मामले को लेकर तरन तारन में विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने “फर्जी” FIR का मुद्दा उठाते हुए SSP ग्रेवाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। बादल ने कहा था कि AAP सरकार हताशा में पुलिस की शक्ति का उपयोग करके चुनाव जीतना चाहती है, लेकिन पंजाब की जनता ऐसे हथकंडों के आगे नहीं झुकेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि SAD के कार्यकर्ता किसी भी दबाव से डरने वाले नहीं हैं।
