संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘पब्लिक चार्ज’ नीति को फिर से सक्रिय करते हुए दुनिया भर में वीज़ा आवेदनों के लिए नए और सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब दूतावासों को आवेदकों की आर्थिक स्थिरता और स्वास्थ्य संबंधी योग्यताओं पर अधिक बारीकी से गौर करने का आदेश दिया गया है।
इस ‘पब्लिक चार्ज’ नियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सरकारी सहायता या कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर होने की अधिक संभावना रखता है, तो उसके वीज़ा या स्थायी निवास के आवेदन को अस्वीकार किया जा सकता है। यह नीति अमेरिकी आप्रवासन प्रणाली में ‘आत्मनिर्भरता’ के सिद्धांत को मजबूत करती है, जो 100 वर्षों से भी अधिक समय से कानून का हिस्सा है।
डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में लौटने के बाद, उनके प्रशासन ने आप्रवासन नियमों को कड़ा करना शुरू कर दिया है। पहले जो बिडेन प्रशासन द्वारा शिथिल किए गए थे, उन कड़े उपायों को अब फिर से लागू किया जा रहा है।
नए निर्देशों के तहत, कांसुलर अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आवेदक सार्वजनिक लाभों पर निर्भर न हों। इसके लिए आवेदकों की उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान, आर्थिक स्थिति और भविष्य में आवश्यक चिकित्सा देखभाल जैसे कई पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया जाएगा। वीज़ा के निर्णय से पहले, आवेदन के साथ प्रस्तुत सभी दस्तावेज़ों, जैसे कि मेडिकल रिपोर्ट्स, समर्थन के हलफनामे, और पहले प्राप्त की गई किसी भी सरकारी सहायता का रिकॉर्ड, की सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी।
विशेष रूप से, कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ अब वीज़ा अस्वीकृति का कारण बन सकती हैं। पहले जहाँ संचारी रोगों जैसे टीबी या टीकाकरण की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जाता था, अब मधुमेह या मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को भी वीज़ा से वंचित करने का आधार बनाया जा सकता है। यह उन व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो स्थायी निवास की तलाश में हैं, क्योंकि इस नीति का उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
यह नया कदम अमेरिका की आप्रवासन नीतियों को और अधिक कठोर बनाता है, और देश में प्रवेश के लिए अधिक सख्त पात्रता मानदंडों को स्थापित करता है।
