अफगानिस्तान के बाद अब पश्चिम अफ्रीकी देश माली में भी आतंकवाद का साया गहराता जा रहा है। यहां बिजली परियोजनाओं पर काम कर रहे पांच भारतीय नागरिकों का बंदूकधारियों ने अपहरण कर लिया है। यह वारदात ऐसे समय में हुई है जब माली में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे आतंकवादी समूहों की गतिविधियां बढ़ी हुई हैं।
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को कोबरी के पास हुई इस घटना में पांचों भारतीयों को अगवा किया गया। किसी भी आतंकवादी संगठन ने अभी तक इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। सुरक्षा अधिकारी अपहृत भारतीयों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जिस कंपनी के कर्मचारी अगवा हुए हैं, उसके अन्य भारतीय कर्मियों को सुरक्षित बामाको पहुंचा दिया गया है।
गौरतलब है कि माली में सैन्य शासन है, लेकिन देश आंतरिक अस्थिरता और आतंकवादी हमलों से जूझ रहा है। सरकार ने इसके लिए अल-कायदा से जुड़े जेएनआईएम और आईएसआईएस जैसे समूहों को जिम्मेदार ठहराया है। इन समूहों की बढ़ती गतिविधियों के कारण माली में विदेशियों का अपहरण एक आम बात हो गई है। हाल ही में सितंबर माह में, जेएनआईएम के आतंकवादियों ने बामाको के पास दो यूएई नागरिकों और एक ईरानी नागरिक का अपहरण किया था, जिन्हें भारी फिरौती के बाद रिहा किया गया था।
जेएनआईएम समूह ने माली की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। यह समूह लगातार सैन्य ठिकानों पर हमले कर रहा है और राजधानी बामाको के आसपास भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। इस वजह से राजधानी में लोगों को ईंधन और अन्य जरूरी सामानों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जेएनआईएम ने 2017 से माली में हजारों लोगों की जान ली है और कई महत्वपूर्ण संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। चिंता की बात यह है कि यह समूह पश्चिम अफ्रीका के अन्य देशों में भी पैर पसारने की कोशिश कर रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
