2025 आईसीसी महिला वनडे विश्व कप फाइनल से पहले सचिन तेंदुलकर का एक संदेश भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम के लिए एक अनमोल सीख लेकर आया। दिग्गज बल्लेबाज ने न केवल खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया, बल्कि ग्रैंड स्टेज पर खेलने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए एक खास सलाह भी दी, जिसने टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
सचिन तेंदुलकर, जिन्होंने अपने करियर में कई विश्व कप के फाइनल खेले और 2011 में आखिरकार अपने देश के लिए यह प्रतिष्ठित खिताब जीता, उन्होंने मैच की पूर्व संध्या पर टीम से बात की। उन्होंने खिलाड़ियों को शांत रहने और दबाव में भी अपने खेल पर नियंत्रण रखने की सलाह दी। ‘जब खेल बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा हो, तो थोड़ा धीमा होने की कोशिश करें। खुद को नियंत्रित करें, क्योंकि ज्यादा हड़बड़ी में आप फिसल सकते हैं,’ हरमनप्रीत ने यह बात तब बताई जब वे फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर विश्व चैंपियन बनीं।
हरमनप्रीत ने आईसीसी रिव्यू शो में खुलासा किया, ‘सचिन सर ने कहा था कि जब दबाव हो तो संयम बरतना महत्वपूर्ण है। सही समय का इंतजार करो और मौका मिलते ही उसे लपक लो।’ यह सलाह टीम के लिए बेहद कारगर साबित हुई।
फाइनल मैच के दौरान, जब भारतीय टीम जीत के करीब थी और हरमनप्रीत ने नडीन डी क्लर्क का कैच लपककर भारत को वर्ल्ड कप दिलाया, तब स्टेडियम में खुशी की लहर दौड़ गई। हरमनप्रीत के लिए यह जीत उनके बचपन के सपने का साकार होना था, जिसे उन्होंने अपने माता-पिता के सामने व्यक्त किया था।
‘यह अविश्वसनीय है। हम अभी भी एक-दूसरे को विश्व चैंपियन कहकर बधाई दे रहे हैं। यह एहसास बहुत अलग है,’ हरमनप्रीत ने कहा। ‘मेरे माता-पिता की मौजूदगी इस जीत को और भी खास बना गई। मैंने हमेशा अपने माता-पिता से कहा था कि एक दिन मैं भारत के लिए खेलूंगी और वर्ल्ड कप जीतूंगी। आज वह सपना पूरा हो गया।’
जीत के बाद की भावनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। शायद कुछ महीनों बाद मुझे इस उपलब्धि का एहसास होगा। अभी ऐसा लग रहा है जैसे हमने कोई सामान्य सीरीज जीती है और हम घर जा रहे हैं।’
इस ऐतिहासिक जीत में भारतीय महिला क्रिकेट की पूर्व कप्तान मिताली राज और झूलन गोस्वामी का भी विशेष योगदान रहा। फाइनल में कमेंट्री कर रहीं दोनों दिग्गज, जिन्होंने 2005 और 2017 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, उन्हें भी टीम ने ट्रॉफी के साथ पोज़ देने का मौका दिया।
हरमनप्रीत ने बताया, ‘2022 वर्ल्ड कप के बाद हम सब बहुत निराश थे क्योंकि हम मिताली दी और झूलन दी के लिए वह ट्रॉफी नहीं जीत पाए थे। हमने तब ही तय कर लिया था कि जब भी हम वर्ल्ड कप जीतेंगे, उन्हें इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा जरूर बनाएंगे।’
उन्होंने आगे कहा, ‘डायना एडुलजी, शुभंगी कुलकर्णी, सुधा शाह और मेरे डेब्यू के समय की कोच जैसी कई वरिष्ठ हस्तियों का आशीर्वाद हमारे साथ था। यह पल उनके साथ बांटना बहुत खास था। हमारी कल्पनाओं में वे हमेशा हमारे साथ रहे हैं।’
