भारतीय नौसेना ने अपनी जल सर्वेक्षण क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि ‘सर्वे वेसल लार्ज (SVL)’ श्रेणी के तीसरे जहाज, आईएनएस इक्षक (INS Ikshak), को कोच्चि नौसेना बेस पर विधिवत रूप से कमीशन किया गया है। इस समारोह ने नौसेना के आधुनिकीकरण और समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों को एक नई दिशा दी है।
जहाज के कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन त्रिभुवन सिंह ने जहाज के कमीशनिंग वारंट का पाठ किया, जिसके बाद नौसेना के झंडे को सम्मानपूर्वक फहराया गया। राष्ट्रगान के साथ-साथ ‘कलर गार्ड’ द्वारा दी गई सलामी ने समारोह में गरिमा का संचार किया।
कैप्टन त्रिभुवन सिंह ने जहाज के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “आईएनएस इक्षक का प्राथमिक उद्देश्य हमारे समुद्री क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण करना है, ताकि नाविकों को सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके। यह जहाज ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें 80% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है और विशेष रूप से सेल (SAIL) से प्राप्त 100% स्वदेशी स्टील लगाया गया है। हमारा दल हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चार्ट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
जहाज के सक्रिय नौसैनिक सेवा में प्रवेश का प्रतीक, कमीशनिंग पताका को भी फहराया गया। नौसेना प्रमुख (CNS) ने कमीशनिंग पट्टिका का अनावरण कर जहाज को आधिकारिक तौर पर नौसेना का हिस्सा बनाया।
इस महत्वपूर्ण समारोह की अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने की। समारोह में वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, नौसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व सैनिक, जहाज निर्माता कंपनी GRSE के प्रतिनिधि और गणमान्य अतिथि भी शामिल हुए।
नौसेना प्रमुख को आगमन पर एक गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में, एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने आईएनएस इक्षक को भारतीय नौसेना, घरेलू उद्योगों और लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) के बीच सफल सहयोग का एक जीता-जागता प्रमाण बताया। उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया।
यह अत्याधुनिक जहाज केवल जल सर्वेक्षण तक ही सीमित नहीं है। इसमें उन्नत जल सर्वेक्षण और समुद्र विज्ञान उपकरण लगे हैं, साथ ही यह हेलीकॉप्टर संचालन में भी सक्षम है। इसकी दोहरी भूमिका की क्षमता इसे आपदा राहत (HADR) मिशनों और चिकित्सा सहायता के लिए एक अस्पताल जहाज के रूप में भी उपयोग करने की अनुमति देती है।
एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि आईएनएस इक्षक पहला ऐसा सर्वेक्षण जहाज है जिसमें महिलाओं के लिए विशेष आवास की व्यवस्था की गई है, जो नौसेना में लैंगिक समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस जहाज के शामिल होने से भारत की जल सर्वेक्षण क्षमताएं मजबूत हुई हैं और स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योग को भी बढ़ावा मिला है।
आईएनएस इक्षक अब उन समुद्री मार्गों का मानचित्रण करने के लिए तैयार है जिनका अभी तक पूरी तरह से सर्वेक्षण नहीं हुआ है, जिससे समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। नौसेना प्रमुख ने भारत के समुद्री हितों और रणनीतिक सामर्थ्य को बढ़ाने में इस जहाज की भूमिका को रेखांकित किया।
कमीशनिंग के बाद, नौसेना प्रमुख ने जहाज के निर्माण की प्रक्रिया और उसमें लगे स्वदेशी उपकरणों की जानकारी ली। उन्होंने GRSE के अधिकारियों और जहाज के दल की सराहना की, जिनके प्रयासों से आईएनएस इक्षक का सफलतापूर्वक कमीशन हो सका।
