अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने कड़े आव्रजन नियमों के तहत जनवरी से अब तक करीब 80,000 गैर-आप्रवासी वीज़ा रद्द कर दिए हैं। यह कदम विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। रद्द किए गए वीज़ा में नशे में वाहन चलाना, मारपीट, चोरी जैसे अपराध और आव्रजन कानूनों का उल्लंघन शामिल है।
आंकड़ों के अनुसार, कुल वीज़ा रद्दीकरण में नशे में ड्राइविंग के कारण 16,000, मारपीट के मामलों में 12,000 और चोरी के लिए 8,000 वीज़ा शामिल हैं। ये तीन मुख्य कारण हैं जिनके चलते बड़ी संख्या में वीज़ा रद्द हुए। इसके अलावा, प्रशासन ने नए वीज़ा आवेदकों के लिए सामाजिक मीडिया पर नज़र रखने और गहन पृष्ठभूमि जांच सहित जाँच प्रक्रियाओं को और अधिक कड़ा कर दिया है।
विदेश विभाग ने अगस्त में 6,000 से अधिक छात्र वीज़ा भी रद्द किए थे। इन छात्रों ने या तो वीज़ा की अवधि बढ़ा ली थी या अमेरिका में रहते हुए कानूनों का उल्लंघन किया था। कुछ मामलों में आतंकवाद के प्रति समर्थन का मामला भी पाया गया था।
हालिया घटनाक्रमों में, विभाग ने उन छह लोगों के वीज़ा भी रद्द कर दिए जिन्होंने ऑनलाइन चार्ली किर्क के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
विदेश मंत्री ने पहले कहा था कि अमेरिकी विदेश नीति से जुड़े कारणों से भी कई वीज़ा रद्द किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति ऐसी गतिविधियों में शामिल होता है जो अमेरिकी हितों के विरुद्ध मानी जाती हैं, तो उसके वीज़ा पर कार्रवाई हो सकती है।
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी राजनयिकों को वीज़ा आवेदकों की राजनीतिक गतिविधियों और अमेरिकी विरोधी विचारों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि छात्र या ग्रीन कार्ड धारक फिलिस्तीनी समर्थक गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं या गाजा पर इज़राइल की कार्रवाई की आलोचना करते हैं, तो उन्हें देश से निकाला जा सकता है। प्रशासन का मानना है कि ये कदम अमेरिकी विदेश नीति की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
